What is Sologamy meaning in Hindi? क्या आप जानते हैं सोलोगैमी, स्व विवाह, self marriage, Self Acceptance, Self Love, मोनोगैमी, बिगैमी, बहुविवाह का मतलब क्या है ? Why Sologamy is trending in the world?
What is Sologamy: दोस्तों हमनें मोनोगैमी (एकल जीवन साथी), बिगैमी (दो साथी), और बहुविवाह (एकाधिक साथी) विवाहों के बारे में सुना है जो अनादि काल से अस्तित्व में हैं। लेकिन सोलोगैमी आजकल ट्रेंड में चल रहा है। ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां एक महिला ने एफिल टॉवर से शादी की, और उसे मिसेज एफिल कहा जाता है, जहां एक आदमी ने अपने पसंदीदा तकिए से शादी की, जो बचपन से उसके पास था, और वह उसे हर जगह ले जाता है।
ऐसी ही एक कहानी है, गुजरात के वडोदरा की एक युवती क्षमा बिंदू जिसने अपने साथ शादी की शपथ ली और कहा, “हाँ मैं स्वयं के साथ पारंपरिक भारतीय तरीके से शादी करूंगी” इस क़िस्से ने पूरे देश में सभी की नज़रें खींच लीं। इसे सोलोगैमी कहा जाता है, खुद से शादी करने की क्रिया, आज हम इस ब्लॉग में विस्तार से जानेंगे What is Sologamy?
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What is Sologamy? (सोलोगैमी क्या है?) What is Sologamy meaning in Hindi?
Sologamy meaning in Hindi:- दोस्तों Sologamy का अर्थ है कि स्वयं से विवाह करना। जी हाँ, सही सुना आपने स्वविवाह। सोलोगैमी करने वाला व्यक्ति आत्म प्रेम के चलते ऐसा करता है। उनका मानना होता है कि इंसान सबसे पहले अपने बारे में सोचता है और हमेशा अपने विकास के लिए ही कार्य करता है। अतः दूसरों की अपेक्षा उन्हें खुद से प्यार अधिक होता है। जिसके चलते वे सोलोगैमी को चुनते हैं व पूरे रीतिरिवाजों से खुद के साथ शादी करते हैं।
Why are people currently doing Sologamy? (वर्तमान में क्यों लोग सोलोगैमी कर रहे हैं?)
कई लोगों के लिए निर्जीव चीजों से शादी करना, या खुद से शादी करना एक अजीबोगरीब पागलपन भरा काम लग सकता है। लेकिन अगर हम उनके नजरिए से देखने की कोशिश करते हैं, तो हम बेहतर ढंग से समझ पाएंगे कि यह सब गहरे प्यार में पड़ना और एक ही वस्तु के साथ या खुद के साथ पारस्परिक संबंध बनाना है। यह नवीनतम प्रवृत्ति है जो पश्चिम और दुनिया के अन्य हिस्सों में युवाओं के बीच धीरे-धीरे गति पकड़ रही है। हालांकि भारत के गुजरात में यह पहला मामला है, लेकिन दुनिया के अन्य हिस्सों से भी स्व-विवाह की कई खबरें आ रही हैं।
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When did the practice of Sologamy start? (सोलोगैमी का चलन कब शुरू हुआ?)
यह सब एक दंत चिकित्सक, लिंडा बेकर के साथ शुरू हुआ, जिन्होंने 1993 में खुद के साथ शादी की शपथ ली थी। यह पूरी दुनिया में Sologamy का पहला मामला था, और वास्तव में उन दिनों में एक साहसी कार्य था। शादी में लिंडा बेकर के 75 दोस्तों ने शिरकत की।
फिर 1996 में एनबीए प्लेयर डेनिस रोडमैन के भी खुद से शादी करने की खबर आई। 21वीं सदी में दोस्तों सोलोगैमी की लोकप्रियता बढ़ी है, खासकर संपन्न महिलाओं के बीच। 2014 में, क्योटो, जापान में, एक ट्रैवल एजेंसी ने महिलाओं के लिए स्व-विवाह पैकेज की पेशकश शुरू की और ग्राहकों में वे महिलाएं शामिल हैं, जो अपनी मूल शादियों से संतुष्ट नहीं थीं। अब ये ट्रेंड भारत में भी देखने को मिल रहा है।
Is sologamy right? (क्या सोलोगैमी सही है?)
सोलोगैमी के लिए कुछ लोग इस तर्क का समर्थन करते हैं कि, जब तक आप खुद से प्यार नहीं करते, तो कोई दूसरे इंसान से कैसे प्यार कर सकता है, उस व्यक्ति से शादी कर सकता है और उस रिश्ते में खुश रह सकता है। इसलिए, हर किसी को खुद से प्यार करना चाहिए और सभी खामियों और अच्छी चीजों के साथ खुद को स्वीकार करना चाहिए। तभी रिश्ता एक समृद्ध अनुभव होगा।
सोलोगैमी को अत्यधिक आत्म-प्रेम का कार्य बताया गया है। यह आत्म-प्रेम और स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति है जहां एक व्यक्ति अपने साथ पूर्ण रूप से महसूस करता है और जीवन में दूसरे इंसान की आवश्यकता महसूस नहीं करता है।
Benefits of Sologamy (सोलोगैमी करने के लाभ)
विश्वासघात/ धोखे का डर नहीं
सोलोगैमी करने वालों के अनुसार दो लोगों के रिश्ते में छोड़े जाने और धोखा देना का डर होता है। लेकिन एकल विवाह में, प्यार एक शाश्वत चीज की तरह महसूस होता है क्योंकि कोई खुद को धोखा नहीं देगा। जीवन भर के प्यार की लालसा एकल रिश्ते में निश्चित रूप से पूरी होगी।
आजादी से कोई समझौता नहीं
दोस्तों एकल विवाह में स्वतंत्रता से समझौता करने की आवश्यकता नहीं है। एकल विवाह आपको अपने हितों की रक्षा करने और साथ ही अपने आस-पास की दुनिया का पता लगाने की स्वतंत्रता देता है।
सामाजिक गठबंधन से छुटकारा
दोस्तों बहुत से लोग शादी नहीं करना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे संपूर्ण पारिवारिक जीवन के लिए नहीं हैं। क्योंकि जीवन के अन्य पहलू उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण प्रतीत होते हैं। लेकिन अविवाहित रहना सभी का नकारात्मक ध्यान आकर्षित करता है और एक विषय बन जाता है। इसलिए वह लोग सोलोगैमी की ओर आकर्षित होते हैं।
बड़े परिवार और ससुराल की कोई चिंता नहीं
खासकर महिलाएं ससुराल वालों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ व्यवहार करने से डरती हैं। क्योंकि पारिवारिक राजनीति और ड्रामा उन्हें परेशान करता है। कई लोग इन परेशानियों से बचने के लिए एकल विवाह का विकल्प चुनते हैं। जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर दवाब न पड़ें।
Is Sologamy Legal in India? (क्या भारत में सोलोगैमी लीगल है?)
दोस्तों भारत में सोलोगैमी कानूनी नहीं है और विवाह में दो व्यक्ति होने चाहिए। हिंदू विवाह अधिनियम में मोनोगैमी को शामिल किया गया और द्विविवाह और बहुविवाह को सख्ती से प्रतिबंधित किया गया। अधिनियम में ‘पति या पत्नी में से किसी एक’ शब्द का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है कि विवाह को पूरा करने के लिए दो व्यक्तियों का होना आवश्यक है।
FAQs about Sologamy
What is the name of a woman who has done sologamy in India? (भारत में सोलोगैमी करने वाली महिला का नाम क्या है?)
भारत में सोलोगैमी करने वाली महिला का नाम क्षमा बिंदू है। जो गुजरात के वडोदरा की एक 24 वर्षीय युवती है।
Can Sologamy Be Divorced? (क्या सोलोगैमी में तलाक लिया जा सकता है?)
जी हाँ, सोलोगैमी तलाक की पहली रिपोर्ट जब आयी। जब एक ब्राजीलियाई मॉडल, क्रिस गैलेरा ने अपने 90 दिनों के स्व-विवाह को समाप्त करने का फैसला किया क्योंकि उसने अपने लिए किसी को पाया है।
Why is sologamy becoming popular around the world? (सोलोगैमी विश्व में क्यों लोकप्रिय हो रही है?)
आज की दुनिया में, ब्रेकअप, विश्वासघात और विश्वास के मुद्दों का डर लोगों के मन में बढ़ता जा रहा है। इसलिए युवा पीढ़ी के लिए स्व-प्रेमी होने पर जोर देना और खुद से जुड़ना आसान हो रहा है।
What is self acceptence and why it is important? self acceptence क्या है और यह क्यों जरूरी है ?
हम जैसे हैं वैसे अपने ही आप को स्वीकारना self acceptence कहलाता है । आज के युग में यह बहुत ही जरूरी है । लोग अपने आप को नहीं स्वीकारते और दूसरों में गलतियाँ निकलते हैं । इसी कारण ज़्यादातर लड़ाइयाँ होती हैं । अपनी progress करने के लिए जरूरी है कि हम self acceptence करें । जब हम अपने आप को स्वीकारते है तभी अपनी कमियों को और अच्छाइओं को पहचानते हैं । अगला कदम होता है अपनी कमियों को दूर करना । यही progress करने का सही रास्ता है ।
What is meant by self-love? Why it is so important ? self-love क्या है?
अपने आप से प्यार करने को self-love कहा जाता है । यह इसलिए जरूरी है क्योकि जब तक हम अपने आप से प्यार नहीं करते तब तक हम दूसरों से भी प्यार नहीं कर सकते । हमारे सबसे नजदीक हम स्वम होते हैं । जो लोग self-love करना जानते हैं वो सभी से प्यार करते हैं और कभी भी दूखी नहीं होते ।
Final Words
हम उम्मीद करते हैं हमारे इस ब्लॉग ‘What is Sologamy‘ के माध्यम से आपको सोलोगैमी की सभी जानकारी मिल गई होगी। लेकिन इस ब्लॉग के माध्यम से हम किसी प्रकार का समर्थन व प्रचार नहीं कर रहे। यह केवल जानकारी देने के लिए हमारे द्वारा लिखा गया है। इसलिए यदि आप ऐसी ही महत्वपूर्ण व रोचक जानकारियां और पढ़ने चाहते हैं तो हमारे पेज से जुड़े रहें।