इस आर्टिकल ‘Vishwa Paryavaran Diwas Nibandh in Hindi’ में बताया गया है – विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध कैसे लिखें, विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व पर प्रकाश डालें, World environment day essay in Hindi और विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रस्ताव कैसे लिखें के विषय में।
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Write a Short Essay on World environment day in Hindi
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता हैं। इस दिवस को मनाने का फैसला 1912 में संयुक्त राष्ट्र सभा के द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस को आयोजित किया गया। पर्यावरण को साफ रखने के लिए यह दिवस मनाया जाता हैं। मनुष्य और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं।
पर्यावरण मात्र एक ऐसा घर हैं। जो सभी जीवो को भोजन – पानी तथा रहने का आश्रय देता हैं। पर्यावरण हमारे जीवन की सभी मूलभूत आवश्यकता को प्रदान करने में सहायता करता हैं। पर्यावरण सभी जीवित प्रजातियो के लिए पोषण प्रदान करता हैं। हमारे चारो और की सभी चीजे जैसे हवा, पानी, जीव – जंतु, पेड – पौधे मिलकर पर्यावरण का निर्माण करती हैं।
पर्यावरण को बचाने के उद्देशय से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता हैं। यूनाइटेड नेशन के द्वारा 5 जून 1972 को विश्व पर्यावरण घोषित किया गया। यह दिन पर्यावरण की रक्षा और लोगो को जागरूक करने के लिए मनाया जाता हैं। विश्व दिवस मनाने का मूल पूरी पृथ्वी और प्रकृति की रक्षा करना हैं।
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विश्व दिवस मनाने के उपल्क्ष में काफी कार्यक्रम पूरे देश में यूनिवर्सिटी, आफिस आदि में पेड पौधो को लगाया जाता हैं। यह दिवस हमे पर्यावरण के प्रति हमारे कर्तव्य को याद दिलाता हैं। और उसकी सुरक्षा करने के लिए प्रेरित करता हैं। पेडो की कटाई पर रोक लगाना व नए पेड पौधे लगाना पर्यावरण के लिए सबसे अच्छा कार्य हैं।
पर्यावरण के अनुकुलता को बनाए रखने के लिए हमे प्लास्टिक उत्पाद का उपयोग नही करना चाहिए। क्योकि हमे जीवित रहने के लिए वाय, आक्सीजन वृक्षो से ही मिलता हैं। विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से होने वाली बिमारियो से वृक्ष ही हमे बचाते हैं। ज्यादा से ज्यादा पेड पौधे को लगाने से हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहता हैं। और हम हवा में खुलकर साँस ले सकते हैं।
हमारे चारो और का घेरा हुआ आवरण ही पर्यावरण कहलाता हैं। पर्यावरण प्री + आवरण शब्द से मिलकर बना हैं। जिसमे प्री का अर्थ हैं चारो तरफ एवं आवरण का अर्थ हैं प्रीवेश। हमारी आँखे पर्यावरण में जितनी भी चीजो को देखती हैं सभी चीजे पर्यावरण का हिस्सा हैं।
आजकल पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा हैं। कारखानो से, मोटर गाडियो, के धुएँ से प्रदूषण फैल रहा हैं। और वातावरण को प्राभावित कर रहा हैं। पर्यावरण दिवस इसलिए मनाया जाता हैं कि अगर मनुष्य हवा के बिना साँस नही ले सकता। तो वह खेतो के बिना भोजन कहाँ से प्राप्त करेगा। यदि पर्यावरण प्रदूषण के बारे में हम लोगो को जागरूक करेंगे। तो हि वह अपने आने वाली पीढी के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रख सकेंगे। इसलिए हर साल देश इसकी जिम्मेदारी लेता हैं।
ताकि पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सके। कई शहरो में पर्यावरण दिवस मनाया जाता हैं। तथा वाहनो पर प्रतिबंध लगाया जाता हैं। प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रीयो को शहर से बाहर होना चाहिए। ये फैक्ट्रीयाँ हमारे नदी, तलाब, पोखर को दूषित करती हैं। ये वायु को भी दूषित करती हैं। कम्पनी, कारखाने, फैक्ट्री इनमे से निकलने वाला कचरा भी पर्यावरण को दूषित करता हैं। इसको रोक लगाना चाहिए। पर्यावरण प्रदूषण, जल प्रदूषण, थल प्रदूषण, और ध्वनी प्रदूषण, वायु प्रदूषण। जन संख्या पर नियंत्रण कर हम इन प्रदूषणो को रोक सकते हैं।
Vishwa Paryavaran Diwas Kab Manaya Jata Hai Aur Kyon?
जल प्रदूषण → फैक्ट्रीयो से निकलने वाला कूडा, कचरा, गंदा पानी, नदियो व तालाबो मे मिलकर जल प्रदूषण फैलाता हैं। मनुष्य भी अपने घरो का कूडा नदियो नालो में फेंक देते हैं। और कपडे धोने वाले पानी से भी जल दूषित हो जाता हैं। जो की नदियो तालाबो में जाकर मिलता हैं। जल प्रदूषण होने के कारण पीने के पानी की समस्या हो गई हैं। जो की पानी पीने योग्य भी नही रहता हैं। आजकल मशीनो के द्वारा पानी को साफ किया जा रहा हैं। जिसके द्वारा पानी पूरे देश में पहुँचाया जाता हैं। और पानी को प्रदूषित होने से बचाया जा रहा हैं। और पानी को पीने योग्य बनाया जा रहा हैं।
थल प्रदूषण → पृथ्वी को भी ज्यादा दूषित किया जा रहा हैं। कूडा – कचरा फैलाना, पानी को दूषित कर के भी पृथ्वी को दूषित किया जा रहा हैं। पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह हैं जिसमे हमारा, जीवन संभव होता हैं। इसमें जीव जन्तु भी पशु, पक्षी पृथ्वी पर निर्भर रहते हैं।
वायु प्रदूषण → आज के दौर में यातायात के साधनो के द्वारा भी पर्यावरण को दूषित किया जा रहा हैं। यातायात के वाहनो से निकलने वाला धुआँ पूरे देश के वातावरण को प्रदूषित कर देता हैं। और फैक्ट्रीयो, कम्पनीयो, कारखाने, मशीनो द्वारा निकलने वाला धुआँ भी पूरे वातावरण को दूषित कर रहा हैं। हमे कम वाहनो का प्रयोग करना चाहिए। और कारखानो से निकलने वाले धुएँ पर भी रोकथाम लगानी चाहिए। हमे ज्यादा से ज्यादा पेड–पौधो को लगाना चाहिए। जिससे वातावरण साफ व स्वच्छ रहे।
ध्वनी प्रदूषण → यातायात के साधनो से निकलने वाली ध्वनी से भी प्रदूषण होता हैं। ध्वनी प्रदूषण से भी वातावरण काफी दूषित हो रहा हैं। ऐसी ध्वनियो से हमारे जीवन तथा वातावरण पर भारी प्रभाव पड रहा हैं। मोटर वाहन, टीवी, रेडियो, कपडे धोने वाली मशीनो, आदि कामो में आने वाली चीजो की ध्वनी से भी वातावरण दूषित होता हैं। मनुष्य अपने मनोरंजन के लिए डीजे का प्रयोग करता तो उसकी आवाज से भी वातावरण प्रदूषित होता हैं।
प्रदूषण को कैसे रोके → जनसंख्या पर नियंत्रण कर, कल कारखानो के प्रदूषण पर नियंत्रण कर, यातायात के साधनो पर नियंत्रण कर, पेड–पौधे आधिक लगाकर, शहरो के कारण, कचरे पर नियंत्रण कर।
जनसंख्या पर नियंत्रण → देश मे बढती आबादी के कारण भी पर्यावरण दूषित हो रहा हैं। बढती हुई जनसंख्या के बढने के कारण लोग अपने रहने के लिए पेडो को काट रहे हैं। जिससे जल की अधिक मात्रा का इस्तेमाल होता हैं। तथा जल जल को ज्यादा दूषित किया जाता हैं। इसलिए हमे बढती हुई जनसंख्या को कम करना चाहिए।
कल कारखाने → कल कारखानो से निकलने वाला प्रदूषित धुआँ भी वातावरण को प्रदूषित कर रहा हैं। कल कारखानो में हानिकारक वस्तुओ का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा हैं। जिससे अधिक कैमिकल वाला धुआँ मशीनो द्वारा निकाला जाता हैं। जिससे हमारे पर्यावरण पर काफी बुरा प्रभाव पडता हैं। इसको हमे रोकना चाहिए और ऐसे पदार्थो पर रोक लगानी चाहिए। जिससे वातावरण भी स्वच्छ रहे।
विश्व पर्यावरण दिवस प्रस्ताव कैसे लिखें ?
प्रदूषण पर नियंत्रण → हमे ज्यादा पेड पौधे लगाने चाहिए और यातायात के वाहनो का कम इस्तेमाल करना चाहिए। हमे प्रदूषण फैलाने वाली वस्तुओ का प्रयोग नही करना चाहिए। हमे चूल्हे का उपयोग नही करना चाहिए। इसके स्थान पर L.P.G गैस का इस्तेमाल करना चाहिए।
शहरी करण के कारण प्रदूषण बढ्ता जा रहा हैं। मनुष्य अपने सुख सुविधाओ की होड में पर्यावरण को नजरअंदाज करता जा रहा हैं। बिना सोचे समझे पैडो को काटता जा रहा हैं। शहरो में बढती हुई बिल्डिंग, जंगलो और पेड पौधो को कम करती जा रही हैं। कई पशु – पक्षियो, जीव जन्तुओ की श्रृंखला कम होती जा रही हैं। प्रदूषण के खिलाफ हमे कई आंदोलन चलाना चाहिए। और योजनाओ को चलाना चाहिए।
चिपको आंदोलन मे लोगो ने पेडो से चीपक कर पेडो की रक्षा की। कई परिंदो का घर उजडने से बचाया गया। हमे भविष्य को अगर सुरक्षित रखना हैं तो शुद्ध जल, शुद्ध हवा, की आवश्यकता हैं। मौसम चक्र भी पर्यावरण से प्रभावित होता हैं। कई शहरो में बाढ की स्थिती बन जाती हैं, तो कही सूखे। ये भी पर्यावरण का प्रभाव हैं। प्रकृती भी संतुलन चाहती हैं।
Vishwa Paryavaran Diwas Kab Manaya Jata Hai Aur Kyon?
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को पूरे विश्व में पर्यावरण के संरक्षरण के मनाया जाता है। इस साल भी यह 5 जून 2024, बुधवार को मनाया जाएगा।
Final Words for Vishwa Paryavaran Diwas Nibandh in Hindi
हमे अपने आस पास के वातावरण को साफ रखना चाहिए। ज्यादा पेड – पौधो को लगाना चाहिए। स्कूलो और कालेजो में पेड पौधे लगाने की मुहिम चलाई जाती हैं।
विश्व में जगह – 2 पर्यावरण उत्सव मनाया जाता हैं। यह दिवस पुरे देश में 5 जून से 16 जून तक मनाया जाता हैं। इस दिवस की शुरूआत 1974 से हुई। पर्यावरण से ही हमे मूलभूत सुविधाएँ प्राप्त होती हैं।