Subah ka bhula sham : Best Hindi Kahani हम सभी जानते हैं कि सुबह का भूला यदि शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते यह वाक्य हमने बचपन में या किसी ना किसी के मुंह से सुना ही होता है आज के आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको एक ऐसी कहानी के माध्यम से इस वाक्य का महत्व समझाने जा रहे हैं कि सुबह का भूला यदि शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि कैसे आप यदि अपनी गलती का एहसास कर लेते हैं ।
Subah ka bhula sham : Best Hindi Kahani : आप उसे मान लेते हैं तो आप अपनी गलती को सुधार सकते हैं वक्त रहते हुए ऐसा कहा जाता है कि हम सबके ही जीवन में किसी ना किसी मोड़ पर हम एक ऐसी कोई गलती कर बैठते हैं जिसको हम सुधारने के लिए काफी इधर-उधर भागते रहते हैं पर अंत में जब हम उस गलती को मान कर पछतावा या पश्चाताप करते हैं तो ही हमारे मन में भारीपन कम होता है।
Subah Ka Bhula Sham ko ghar aa Jaye to use bhoola nhi kehte story in Hindi (सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते-हिन्दी कहानी)
Subah ka bhula sham :Best Hindi Kahani : सुबह का भूला यदि शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते हैं एक कहानी के द्वारा यदि हम आप को समझाएं तो वह कुछ इस प्रकार समझना होगा कि एक गांव में एक बहुत ही करीब निर्दई आदमी रहता था वह अपने जीवन यापन जैसे तैसे कर रहा था वह रोज सुबह उठकर कबाड़ खाने से ज्यादा और लोहे के कुछ टुकड़े उठा लाता और उसी से चूहा दान बनाकर बेचा करता था ।
Subah ka bhula sham : Best Hindi Kahani : उसकी जिंदगी बहुत ज्यादा मुश्किलों में कट रही थी कई बार ऐसा होता था कि उसे दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही थी और फिर भी वह 1 दिन टहलते टलते एक वृद्ध आदमी के घर पहुंच गया । उसने जरूरत आदमी का दरवाजा खटखटाया दूसरा आदमी है दरवाजा खोला और वह रात होने की वजह से ही करा दूसरा आदमी के घर में काटने की आज्ञा मांगने लगा आदमी ने खुशी-खुशी उसे अपने घर में रख लिया क्योंकि उस आदमी के घर में कोई और नहीं रहता था मैं अकेला ही रहता था
Subah ka bhula sham :Best Hindi Kahani उस उम्र में अपनी कमाई करता अपने गाय-भैंसों को पालता था और उसी से जो पैसे बनते वह आदमी अपना जीवन बिता रहा था रात को वेद आदमी ने उस चूहे दान बेचने वाले को घर में रख लिया और वह सुबह उठकर जैसे ही जा रहा था तो उसने देखा कि वह आदमी ने अपनी सारी कमाई एक पोटली में बांधकर रख दी थी जैसे ही मैं दोनों साथ में घर से निकले आदमी अपने काम पर चला गया और आगे जाकर वापस लौट कर आया और उसने खिड़की तोड़कर लिए।
Subah ka bhula sham :Best Hindi Kahani वह जो मैदान बेचने वाला जंगल की ओर भाग गया क्योंकि उसको लगा कि यदि वह सीधे रास्ते से जाएगा तो उसे कोई पकड़ ना लें उसमें आदमी के डर से वह जंगल की ओर भाग तो गया पर जंगल में वह फंस गया और उसे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला उसने भगवान को याद किया और उनसे क्षमा मांगते हुए कहा कि आप मुझे इस जंगल से निकालिए और मैं उस आदमी को सारे पैसे लौटा दूंगा और वैसा ही हुआ और उस आदमी को रास्ता मिल गया और वह जंगल से बाहर आ गया
Subah ka bhula sham : Best Hindi Kahani और उसने उस आदमी को सारे पैसे वापस लौट आते हुए उससे शमा याचना मांगी और अब उस आदमी की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई थी उसको नई नौकरी मिल गई और साथ साथ में जीवन यापन करने में भी उसको कठिनाइयां नहीं आनी इसलिए कहते हैं कि सुबह का भूला शाम को घर लौट आता है तो उसे भूला नहीं कहते।
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Final Subah ka bhula sham ko ghar aa jaye yo use bhula nahi kehte story in Hindi
हम आशा करते हैं आप लोगों को Article Subah ka bhula sham : Best Hindi Kahani पसंद आया होगा अपना कीमती वक्त निकालकर इसे पढ़ने के लिए धन्यवाद!