आओ जाने समाज में शिक्षा का महत्व निबंध (Samaj Mein Shiksha Ka Mahatva Nibandh in Hindi) कैसे लिखे, How to write short essay on importance of education in society, समाज में शिक्षा का महत्व प्रस्ताव हिन्दी में और शिक्षा के द्वारा समाज को कैसे सही किया जा सकता है ।
Table of Contents
How to write short essay on importance of education in society
शिक्षा हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। शिक्षा वह वस्तू हैं जो हमे एक सभ्य इंसान बनाती हैं और समाज में उन्नति का काम करती हैं। शिक्षा का व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता हैं। शिक्षा मनुष्य के जन्म से लेकर स्वभाविक शक्ति के, तथा समस्थ प्रगतिशील विकास की प्रक्रिया हैं। शिक्षा मनुष्य के जीवन में समस्त गुणो को विकसित करने की कला होती हैं। जो आजीवन तक चलती रहती हैं।
Samaj Mein Shiksha Ka Mahatva Nibandh in Hindi
समाज: समाज अंग्रेजो के सोसाइटी (Society) शब्दो से लिया गया लैटिन भाषा हैं। समाज सामाजिक सम्बंधो का वो जाल हैं जो हमेशा बदलता रहता हैं।
शिक्षा और समाज: जहाँ जैसा समाज होगा वहाँ वैसी ही शिक्षा होगी। किसी भी समाज में स्मय पर दी जाने वाली शिक्षा बदलती रहती हैं। जिस प्रकार समाज बदलता हैं। उसी प्रकार समाज की शिक्षा में विभिन्नता पाई जाती हैं।
प्राचीन एवं मध्य कालीन समाज: ये दोनो समाज धर्म प्रधान कहालाते थे। अतः शिक्षा भी धार्मिक ही थी। समाज में धार्मिक सिद्धांतो का प्रयोग करते हुए। व्यक्ति की धार्मिक्ता पर बल दिया जाता था।
आधुनिक समाज: आधुनिक समाज विज्ञान पर ज्यादा बल देता हैं। शिक्षा ही के द्वारा इस पर बल दिया जाता हैं। जिससे व्यक्ति के चिंतन तर्क व निर्णय आदि मानसिक शक्तियो का विकास हो सके।
Interesting Article:-
Life-Changing 41 Best Morning Positive Affirmations in Hindi That Works
आदर्शवादी समाज: आदर्श वादी समाज में ज्यादा आध्यात्मिक्ता पर बल दिया जाता हैं। ऐसे समाज में नैतिक विकास की शिक्षा पर ज्यादा बल दिया जाता हैं।
भौतिकवादी समाज: ऐसे समाजो में भौतिक सम्पन्नता और भौतिक आरामदायक वस्तुएँ जैसे टीवी, फ्रिज, बेड आदि होती हैं। इसमे सुख सुविधाओ को स्थान दिया जाता हैं। अतः ऐसे समाज मे शिक्षा का लक्ष्य समाज को भौतिक सुविधाओ से सम्पन्न बनाना होता हैं। जिससे समाज की भौतिक उन्नति हो।
प्रयोजनवाद: इसके अनुसार सत्य, आदर्श, देश काल, मुख्य आदि परिस्थितियो के अनुसार बदलते रहते हैं। परिवर्तन ही शिक्षा का स्वरूप हैं।
निरंकुश समाज: इसमें मनुष्य की अपेक्षा से ज्यादा राज्य को महत्व दिया जाता हैं। और राज्य के हितो को ध्यान में रखते हुए शिक्षा की व्यवस्था की जाती हैं। समाज में शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति का समान रूप से विकास नही होता हैं।
जन्तात्मक समाज: इस समाज में व्यक्ति के व्यक्तित्त्व को विशेष महत्व दिया जाता हैं। इसमें व्यक्ति को स्वतन्त्रता, समानता, न्याय, धर्मनिरपेक्ष, आदि गुणो को व्यक्ति व समाज को विकसित करने का अधिकार दिया जाता हैं। प्रत्येक समाज की शिक्षा उनके आदर्शो के अनुसार होती हैं।
समाज में शिक्षा का महत्व निबंध हिन्दी में
समाज का शिक्षा पर प्रभाव: जिस समाज की जैसी राजनीतिक स्थिति होगी। शिक्षा का रूप भी वहाँ वैसा ही होगा। जैसे स्वतन्त्रता के पूर्व अंग्रेजो की सरकार थी। वहाँ अंग्रेजी शिक्षा को महत्व दिया जात था। उच्चे वर्ग के लोगो में अंग्रेजी शिक्षा का चलन था। स्वतन्त्रता के बाद सरकार बिना भेदभाव के सभी को शिक्षित करने का प्रयास कर रही हैं। अतः राजनितिक दशाओ पर ही शिक्षा की व्यवस्था होती हैं।
आर्थिक दशाओ के प्रभाव: आज के समय में देखा जाता हैं कि जिस समाज की आर्थिक स्थिति अच्छी होती हैं। वहाँ ज्यादा शिक्षण संस्थाएँ खोली जाती हैं। अच्छे भवन की व्यवस्था व अच्छे शिक्षण उपकरण आदि की व्यवस्था होती हैं। इसके विपरित जिस समाज की स्थिति अच्छी नही होती हैं। वहाँ निःशुल्क शिक्षा व व्यवसायिक शिक्षा नही दि जाती हैं।
संस्कृति शिक्षा का प्रभाव: किसी भी समाज की संस्कृति उस समाज के रहन सहन व्यवहार, खान–पान, रिति–रिवाज, संगीत, नृत्य, साहित्य शिक्षा आदि को दर्शाता हैं। अतः किसी भी समाज में वहाँ की संस्कृति का प्रभाव पडता हैं।
सामाजिक परिवर्तन: विकास तथा अनुसंधानो के परिवर्तन क्षेत्र में शिक्षा ही की देन हैं। शिक्षा ही के द्वारा हम परिवर्तित समाज में कल्पना कर सकते हैं। इसके द्वारा ही व्यक्ति जीवन में सुख–सुविधा सम्पन्न शिक्षा ही के द्वार प्राप्त करता हैं। शिक्षा ही के द्वारा ही हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को संरक्षण प्रदान करते हैं। शिक्षा के माध्यम से ही प्रत्येक समाज में अपनी रिति रिवाज, परम्परा, धर्म, आदेश होते चले आ रहे हैं। शिक्षा के द्वारा ही भौगोलिक स्थितियाँ जो मनुष्य के मार्गो में बाधा डालती हैं उस पर नियंत्रण कर लिया गया हैं।
शिक्षा द्वारा राजनितिक विकास: शिक्षित व्यक्ति ही अपने देश व समाज की राजनीतिक विचारधारा की रक्षा व विकास कर सकता हैं। शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति समाज की राजनीति से परिचित होता हैं। व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी हैं। शिक्षा के द्वारा ही उसे समाज में उठने, बैठने, रहने और समज को अपने अनुरूप ढालने में मदद मिलती हैं। शिक्षा के माध्यम से ही समाज को जागृत करता हैं। और वह समाज में रहने योग्य बन जाता हैं।
Informative video:-
बालक का सामाजिकरण: विद्यालय के द्वारा छात्रो में सामाजिक, मानसिक विकास का कार्य होता हैं। छात्र विद्यालय में दूसरो के सम्पर्क में आते हैं। इस प्रकार शिक्षा छात्रो को समूह में लाकर सामाजिकरण करती हैं।
FAQs Related to Samaj Mein Shiksha Ka Mahatva Nibandh
आधुनिक भारतीय समाज में मूल्य शिक्षा क्यो महत्वपूर्ण हैं?
मूल्य का महत्व जिज्ञासा को जगाने और उसके हितो को विकसित करने में अहम भूमिका निभाती हैं। जब लोग समाज और उनके जीवन में मूल्य शिक्षा का अध्ययन करते हैं। तो वे अपने लक्ष्यो के प्रति अधिक उत्साहित होते हैं।
शिक्षा का लक्ष्य क्या हैं?
शिक्षा का लक्ष्य मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास करना हैं।
भारत में शिक्षा कितनी अच्छी हैं?
आज देश में साक्षरता 77.7% हो गई हैं। आज देश के 84.7% पुरूष तो 70.3% महिलाएँ शिक्षित हैं।
भारत में समाज का क्या महत्व हैं?
समाज मानव के विकास के लिए कार्य करता हैं। समाज व्यक्ति के जीवन को आकार देने और उनकी बातचीत, व्यवहार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। ये ऐसी संस्था हैं जो मानव द्वारा निर्मित हैं।
भारतीय शिक्षा का परम उद्देश्य क्या हैं?
भारतीय शिक्षा का परम उद्देश्य अच्छी आदतो को विकसित करना, विचार शक्ति का विकास करना बच्चो की रूचियो का विकास करना। प्रेम, सद्भावना, व्यवसायिक तथा उदार शिक्षा प्रदान करना आदि।
आधुनिक शिक्षा का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पडता हैं?
ऐसी शिक्षा प्रणाली ईमानदार नागरिको का निर्माण करके समाज को बदलने में मदद करती हैं। जो राष्ट्र प्रगति में सकारात्मक योगदान देती हैं। आधुनिक काल में शिक्षा पर सभ्यता का व्यापक प्रभाव पडता हैं। और अंग्रेजी शिक्षा को आत्मसात करने का प्रयत्न प्रारंभ हुआ हैं।
भारत में शिक्षा का क्या कारण हैं?
शिक्षा व्यक्ति के जीवन का मार्ग दर्शन कराती हैं। तथा उसे इस योग्य बनाती हैं कि वह बाधाओ को पार करके अंत में मोक्ष को प्राप्त कर सके।
पढाई से हमे क्या शिक्षा मिलती हैं?
पढाई से हमे सही रास्ता चुनने की शिक्षा मिलती हैं। हम पढाई के द्वारा अच्छे व बुरे के बीच अंतर जान पाते हैं। हमे विभिन्न परिस्थितियो का सामना करने में बहुत मदद मिलती हैं।
पढाई का उद्देश्य क्या होना चाहिए?
पढाई का उद्देश्य ज्ञान को प्राप्त करना तथा शिक्षा प्राप्त करना होना चाहिए। हम अपने अंदर अच्छे इंसान का निर्माण कर सकते हैं। हमे ऐसा व्यक्ति बनना चाहिए जिससे हमारा जीवन आसानी से चल सके। तथा समाज में हमे मान सम्मान मिल सके। और हम भी दूसरो की सेवा कर सके।
क्या पढाई सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं?
शिक्षा ही सफलता का रहस्य हैं। किसी भी काम को सफल बनाने के लिए प्रयत्न करना जरूरी होता हैं। सफल होने के लिए प्रतिदिन पढाई करना जरूरी होता हैं।
पढाई क्यो बनाई हैं?
पढाई से हम अपनी सोच को विकसित कर सकते हैं। और अपनी समझ को बेहतर बना सकते हैं। पढाई करके हम अपने कौशल को बढा सकते हैं। हम अपने करियर में सफलता पा सकते हैं। पढाई करके हम अपने व्यक्तित्व को बेहतर बना सकते हैं। तथा दूसरो के साथ बेहतर तरीके से बातचीत कर सकते हैं। इसलिए पढाई हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। पढाई करना बहुत जरूरी होता हैं।
सफलता के लिए किसी के जीवन में पढना इतना महत्वपूर्ण क्यो हैं?
पढने लिखने से व्यक्ति ज्यादा सुसंस्कृत माना जाता हैं। और समाज में मान सम्मान होता हैं। लेकिन अनपढ व्यक्ति अगर कुछ भी काम कर लेगा। उनमे पढे लिखे जैसी झिझक नही होगी। अगर मन लगार कर सही ठंग से काम किया जाए तो बहुत आगे जाने की सम्भावना होती हैं। अच्छी पढाई कर के हम अपने केरियर को बना सकते हैं।
आपकी शिक्षा का कौन सा भाग सबसे मूल्यवान हैं?
अच्छी शिक्षा वह होती हैं जो हमारे आस पास की दुनियाँ को समझने में मदद करती हैं। समस्याओ को हल करने, तर्क करने की क्षमत, संवाद करने की क्षमता को बढाती हैं।
सुबह पढाई क्यो करते हैं?
सुबह के समय पढाई करने से मन शांत रहता हैं। और हमारा दिमाग याद करने में तेज होता हैं। सुबह उठकर हमे शांत वातावरण मिलता हैं। जिससे हम पढाई अच्छे से कर सकते हैं।
भारतीय समाज पर शिक्षा का क्या प्रभाव हैं?
शिक्षा व्यक्ति में ज्ञान और समझ का विकास करती हैं। शिक्षा उसे समाज का शक्तिशाली व्यक्ति बनाती हैं। शिक्षा व्यक्ति को अपना जीवन यापन करने में सक्षम बनाती हैं।
पढने का मुख्य लक्ष्य क्या हैं?
पढने से हम अच्छे ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं। और भविष्य में अपने अच्छे इंसान का निर्माण कर सकते हैं। पढने से हम उसके अर्थ को निकालना सिख सकते हैं। पढने से हम अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
शिक्षा के कितने लक्ष्य हैं?
(1)व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करना (2) सहज क्षमताओ का विकास करना (3) चरित्र का विकास करना (4) आध्यात्मिकता का विकास करना (5) जीवन के मुल्ल्यो की प्राप्ति का विकास करना (6) मानव आत्मा के पोषण का विकास करना आदि शिक्षा के लक्ष्य हैं।
शिक्षा का सामाजिक उद्देश्य क्या हैं?
शिक्षा का सामाजिक उद्देश्य व्यक्ति को समाज में योगदान करने की क्षमता को विकसित करना हैं। शिक्षा के अधिकारो की गारंटी समाज के प्रत्येक व्यक्ति को दी जानी चाहिए। तथा राज्य और राष्ट्र का सबसे ऊँचा करना सामाजिक उद्देश्य हैं।
पढने से हमे क्या लाभ हैं?
पढने से हमे ज्ञान और प्रेरणा मिलती हैं। यह हमे स्मार्ट बनाती हैं।
1. मन शांत और ताजा रहता हैं।
2. सुबह जल्दी उठने पर दिमाग शांत और तरोताजा रहता हैं।
3. वातावरण शांत होता हैं। बहुत से व्यक्तियो के घर में पढाई के लिए शांत जगह नही मिलती हैं।
4. दूसरे काम के लिए भी समय मिल जाता हैं। सुबह जल्दी उठकर पढाई पूरी करने से समय काफी बच जाता हैं।
5. सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
Final words
शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत बडा योगदान होता हैं। शिक्षा व्यक्ति के जीवन में समस्त गुणो का विकास करती हैं। शिक्षा समाज में उन्नति का काम करती हैं। शिक्षा के द्वारा हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को संरक्षण प्रदान कर सकते हैं। शिक्षित व्यक्ति ही अपने देश के राजनीतिक विचारधारा की रक्षा व विकास कर सकता हैं। शिक्षा से ही समाज बनता हैं। शिक्षा ही व्यक्ति को समाज का शक्तिशाली व्यक्ति बनाती हैं।