इस आर्टिकल ‘Rashtriya Ekta Diwas Nibandh in Hindi’ जानेंगे – राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध कैसे लिखें, How to Write a Short paragraph on national unity day essay in Hindi और राष्ट्रीय एकता दिवस प्रस्ताव इन हिन्दी के विषय में ।
Table of Contents
How to Write a Short paragraph on national unity day essay in Hindi
राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर को पूरे देश में मनाया जाता हैं। इस दिवस को सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में मनाते हैं। जिन्होने हमारे देश को एक बनाया। ताकि हम एकजुट होकर राष्ट्रीय एकता को बढा सके। इस दिवस को 2014 में शुरू किया गया। इस दिन लोगो को एकता के प्रति जागरूक बनाने में कार्यक्रम आयोजित किया जाता हैं। इस देश में विकास का स्तर बढाने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता हैं। यह दिवस हमारे देश को शक्तिशाली बनाता हैं।
भारत देश एक ऐसा देश हैं जिसमे सभी प्रकार की जैसे हिन्दु, मुसलमान, सिख, इसाई इत्यादि जाति पाई जाती हैं। और भारत देश में अलग अलग भाषा वाली बोली बोली जाती हैं। हम सभी अलग जाति के होने के बावजूद भी एकता में रहते हैं। और सभी धर्मो के त्योहारो को बडी धूमधाम से मनाते हैं।
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भारत देश में एक दूसरे की पहचान को सम्मान दिया जाता हैं। और भाईचारा अपनाते हैं। भारत देश में लोगो का खान – पान भी अलग अलग होता हैं। हर एक धर्म के अनुसार अपने धर्मो के प्रति त्योहार को मनाते हैं। और एक दूसरे को बधाईयाँ देते हैं।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण हिन्दी में
राष्ट्रीय एकता → राष्ट्रीय एकता का अर्थ हैं मिल जुलकर रहना। हमारा देश एक विशाल देश हैं। जहाँ सभी धर्म, जाति, वर्गो, व विचार धारा और भाषाको को मानने का अधिकार दिया जाता हैं। यह देश राष्ट्रीय एकता का प्रतिक हैं और लोगो में एकता ही इस देश को ऊचाँईयो पर ले जाती हैं।
अगर सभी धर्म के लोग एक हो जाए तो यह देश शक्तिशाली बन जाएगा। राष्ट्रीय एकता इस देश का प्राण हैं। आज के युग में हम एकता में रह कर सभी बुराईयो पर जीत हासिल कर सकते हैं। हमारे देश के नेताओ ने भी देश को एकता में जोडे रखने के लिए अपने प्राणो को त्याग दिया था।
भारत देश राष्ट्रीय एकता का संघ हैं। राष्ट्रीय एकता बन कर इस देश को मजबूत बनाती हैं। यहाँ सभी जाति के लोग जैसे मुसलमान, हिन्दु, सिख, इसाई, यहूदी अपना जीवन शांतिपुर्वक व्यतीत करते हैं। हमरा देश सुंदर उद्यान की भाँति हैं। यह बहुरंगी पुष्प उद्यान में होते हैं। उसी तरह भारत में विभिन्न जाति के पंथ के लोग रहते हैं।
यहाँ मंदिर, मस्जिद गुरूद्वारा और चर्च हैं। यहाँ रामायण, गीता, कुरान बाईबल का पाठ हैं। लेकिन सब के स्वरो का एक ही उद्देश्य मानवता की सेवा हैं। यहाँ दिपावली, ईद, क्रिसमस, गुरूपर्व आदि त्यौहार पूरे धूम – धाम से मनाते हैं। यही एकता की भावना हम भारतीयो की विषेशता हैं।
जो हजारो वर्षो से हमारे सभ्यता में रची बसी हुई हैं। हर व्यक्ति के ह्रदय में राष्ट्रीय प्रेम की भावना हैं। और देश अपनी मातृभुमि के प्रति सच्ची लगन हैं। देश के हित के लिए सर्वस्व निछावर हैं। इतिहास साक्षी हैं कि स्वतंत्रता संग्राम या चीनी पाकिस्तानी युद्ध के समय पूरा देश एकजुट और अखंडता का परिचय देता हैं।
और देश के लिए देशवासी अपने प्राण को निछावर कर देते हैं। हम सभी अपने राष्ट्र की जल-भू, पहाड और नदी सागर को अपना समझते हैं। सभी से भावनात्मक जुडाव हैं। एक दूसरे के सुख दुख में शामिल होते हैं। एक दूसरे के हित के लिए कार्य करते हैं। राष्ट्रीय एकता के मार्ग की सबसे बडी भावना का परीत्याग कर हम सब सद्भावना और प्रेम के साथ रहते हैं।
देश में कुछ अलगाववादी और दुष्ट तत्व भाषावाद, जातिवाद के आधार पर हिंसा कराते हैं। जो राष्ट्र की एकता के लिए घातक हैं। ऐसी ताकत को कठोरता से कुचला जाना आवश्यक हैं। हम भारत वासियो का कर्तव्य हैं कि हम इन ताकतो के विरूद्ध खडे हो। और देश भक्ति का परिचय दे।
राष्ट्रीय एकता दिवस महत्व पर निबंध 200 शब्दों में
एकता में बल → यह एक शिक्षाप्रद्ध कहानी एक किसान की हैं। जिसके पाँच बेटे होते हैं। जो कि अपनी मर्जी के होते हैं। एक दिन किसान बहुत ज्यादा बिमार हो जाता हैं। वह अपने बच्चो को एक रहने के लिए प्रेरित करना चाहता था। उसने जंगल में अलग अलगे बेटे को बोल कर लकडियाँ मंगवाई और पहले बेटे को बोला इसे तोड कर दिखाओ।
सभी बेटो ने ये लकडियाँ तोड दी। फिर किसान ने लकडियो का एक गठा मंगवाया और बेटो को तोदने के लिए बोला। लेकिन किसी भी लडके से वह गठा नही टूटा। इस बात से किसान ने उसे समझाया कि एक एक कर के कोई भी इस तरह तुम्हे हरा सकता हैं। लेकिन अगर तुम सब इस लकडी के गठे की तरह मिलकर रहोगे तो तुम्हे भी कोई हरा नही सकता व अलग नही कर सकता इसलिए कहा जाता हैं। एकता में बल हैं।
राजनीतिक एकता → हमारे देश भारत में केवल एक बार राजनीतिक एकता दिखाई दी। जब हमारा देश 1947 को आजाद होने के समय सभी राजनीतिक नेताओ ने एकता दिखाई। अंग्रेजो भारत छोडो आंदोलन चलाया। जिसके चलते सभी नेताओ ने यह लडाई लडी। और भारत को स्वतंत्र कराया। राजनीति के बिना कोई भी देश संचालित नही हो सकता।
भेदभाव → भेदभाव के कारण देश और राष्ट्र में अंतर होता हैं। राष्ट्र का संबंध भावना से होता हैं। जब तक किसी देश वासियो के विचार एक नही होते तो उसमे राष्ट्रीय एकता की भावना नही आती। यहाँ सभी सामाजिक समस्याओ का उदय हो रहा हैं। हम सभी को एकजुट होकर देश में भेदभाव को समाप्त कर राष्ट्र एकीकरण पर बल देना चाहिए। हमे इस राष्ट्रीय एकीकरण के उद्देश्य और अर्थ को समझकर एकता में रहना चाहिए। रंग, जाति का भेद हमारे बीच नही आना चाहिए।
Final words for Rashtriya Ekta Diwas Nibandh in Hindi
भारतीय अपनी विविधता में एकता के लिए प्रसिद्ध हैं। लेकिन ये सही नही हैं। क्योकि विकास के लिए दुसरे के विचार को स्वीकार करने के लिए लोग तैयार नही हैं। अपने खुद के फायदे के लिए और खुद को अच्छा साबित करने के लिए यहाँ विभिन्न जाति के लोग आपस में शारिरीक, भावात्मक, जातिवाद, बहस और चर्चा आदि के द्वारा लडते हैं। ऐसा करना बिलकुल गलत हैं। हमे राष्ट्र में शान्ति और एकता को बनाए रखना चाहिए। क्योकि एकता में ही बल हैं।