आज हम बात करेंगे ’25 anhad naad सुनने के प्राकृतिक तरीके'( 25 Natural Ways to Listen Anhad Naad in Hindi ) कौन से हैं ?
आज मैं आपको कुछ ऐसे तरीके बताऊँगा जिनको आप अपने दैनिक जीवन में अपना कर anhad naad को प्राकृतिक रूप से व जल्दी से जल्दी सून सकते हैं और अपने जीवन में परम सुख प्राप्त कर जीवन को धन्य कर सकते हैं ।
यह तरीके बिल्कुल सरल व आसान हैं । इन तरीकों से अनहद नाद प्राकृतिक रूप से सुन पाओगे और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी कर पाओगे । आओ जानते हैं :-
Table of Contents
25 Natural Ways to Listen Anhad Naad in Hindi:-
1 हमेशा वर्तमान में रहे। तभी अनहद नाद (Anhad Naad)को आप बहुत जल्दी सुन पाएंगे।
2 जीवन के परम लक्ष्य को याद रखें। वह है हमेशा खुश व आनंदित रहना है वह भी बिना किसी बाहरी वजह और कारण के।
3 Serious लोगों के लिए न तो भौतिक संसार है और नहीं अध्यात्मिक संसार।
4 हमेशा खुश रहें।
5 हमेशा आनंदित रहें।
6 कुछ समय अपने परिवार, रिश्तेदार व मित्रों के साथ व्यतीत करें ।
7 जो लोग रास्ते में सुख व आनंदित रहते हैं, उन्हें मंजिलों की परवाह नहीं होती। रास्ते में ही खुश रहा जा सकता है। मंजिल पर जाकर कभी कोई खुश नहीं हुआ।
8 यह छोड़ने का मार्ग है पकड़ने का मार्ग नहीं है जो छोड़ता है, वही पाता है। बाहर से कुछ नहीं छोड़ना है। अंदर से छोड़ना है। हमें नकारात्मकता को अपने अंदर से छोड़ना है । तभी आपके अंदर प्रकाश होगा और इस प्रकाश में आपके साथ दूसरों का जीवन भी प्रकाशित होगा।
9 भगवान के द्वारा दी गई प्रत्येक वस्तु के लिए भगवान का धन्यवाद करें। क्योंकि जब हम किसी भी चीज के लिए भगवान का धन्यवाद करते हैं तो भगवान हमें ऐसी बहुत सी अन्य चीजें और भी देता है जिसके लिए हम भविष्य में भगवान को धन्यवाद देंगे। यही नियम है। 10 लोगों को बिना शर्त के माफ करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप अपने अंदर से बहुत सी नकारात्मकता को दूर कर लेते हैं। आप अपने अंदर से हल्का महसूस करते हैं।
10 शरीर व मन को स्वस्थ रखने के लिए कुछ समय के लिए योग का अभ्यास अवश्य करें।
11 हमेशा मस्त रहें।
12 दिन में अपनी Hobby को अवश्य समय दें। दिनभर में कोई ना कोई एक ऐसा काम अवश्य करें, जिससे करने में आपको मजा आता है। अंदर से अच्छा लगता है । ऐसा करने से धीरे धीरे हमारे अंदर की खुशी बढ़ती चली जाती है। यही तो सही मायने में अनहद नाद है। अनहद नाद का सही मतलब अपने आप में मस्त रहना ही है, आनंदित रहना ही है। वह भी बिना किसी बाहरी वजह या कारण के । हमारे संत, फकीर हमेशा अपनी मस्ती में मस्त रहते थे।
वह अनहद नाद के कारण ही मस्त रहते थे। इस क्षेत्र में मेरा अपना खुद का अनुभव भी है। मैं बिना किसी बाहरी कारण या वजह के हेमशा खुश रहता हूँ । अंदर से एक अजीब सी खुशी हमेशा रहती है। ऐसा लगता है सब मिल गया है।
13 अभ्यास पर Focus करें, कर्म पर Focus करें, परिणाम पर नहीं।
14 हमेशा हल्का मूड रखें। जल्दी जल्दी गुस्सा ना करें। ऐसा करने से अनहद नाद को सुनने के रास्ते में हम कांटे उगा देते हैं । हमारा भौतिक जीवन भी धीरे-धीरे डिस्टर्ब होने लगता है।
15 दैनिक जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं को अनदेखा करना सीखे अन्यथा यह चीजें आपके लिए बोझ बन जाएंगी । जोकि अनहद नाद सुनने के अभ्यास में बाधा उत्पन्न करेगी।
16 यदि आप संतुलित भोजन करते हैं तो यह मार्ग आपके लिए और आसान हो जाएगा। भोजन पर्याप्त मात्रा में ही करें । ठूस ठूस न खाएं। ऐसा करने से आलस्य अधिक आता है और जब हम anhad naad ध्यान का अभ्यास करते हैं तो बार-बार सुस्ती आती है। यदि आप सुबह उठकर अनहद नाद ध्यान करते हैं तो रात्रि में यथासंभव हल्का भोजन करें। संतुलित भोजन से यहां मतलब है कि आपको खाने पीने में सभी विटामिन प्रोटीन भरपूर मात्रा में होने चाहिए ताकि आपका शरीर स्वस्थ रहें।
यह मेरा व्यक्तित्व अनुभव भी है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। ऐसा संतुलित भोजन करने से आपका मन भी ध्यान करने में अच्छा लगता है। अक्सर यह देखा गया है कि ऐसे मार्ग पर चलने वाले लोग अच्छे खाने पीने से दूर हो जाते हैं और संतुलित भोजन को अहमियत नहीं देते। परिणाम यह होता है कि ऐसा व्यक्ति शारीरिक व मानसिक दोनों तरह से कमजोर हो जाता है और अंत में उसको ध्यान में भी सफलता नहीं मिलती और अपने मार्ग को छोड़ देता है।
फिर विधियों को दोष दिया जाता है। अपने शिक्षकों को दोष दिया जाता है।
17 इस मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति को प्रारंभ में, शुरुआती अभ्यास के दिनों में और जब तक सफलता नहीं मिल जाए अकेले ना रहे । ऐसा करने से हम गहन उदासी में जा सकते हैं। सफलता मिलने के बाद यह निर्भर नहीं करता है कि आप अकेले हैं या भीड़ में आप हमेशा मस्त ही रहने वाले हैं।
18 अपने अंदर के प्यार को लोगों से शेयर करें।
19 अनहद नाद ध्यान के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति को प्रारंभ में अभ्यास के लिए कम से कम समय देना चाहिए। ऐसा करने से आपको अंदर से अच्छा लगेगा। आप अंदर से बोर भी नहीं होगे ।
20 रात्रि में या सूरज छिपने के बाद अनहद नाद (Anhad Naad)का अभ्यास नहीं करना चाहिए। यह उन व्यक्तियों के लिए है जिन्होंने अभी अनहद नाद ध्यान का अभ्यास आरंभ किया है और जिसे अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। यदि आप ऐसा करते हैं तो रात्रि में अक्सर नींद न आने की समस्या होने लगती है।
21 अभ्यास को प्रतिदिन करें चाहे कुछ समय के लिए ही करें।
22 अभ्यास प्रतिदिन एक ही समय पर एक ही स्थान पर करना चाहिए। इसके पीछे कारण है कि ब्रह्मांड से प्रतिदिन ध्यान की ऊर्जा उस समय उस स्थान पर प्रतिदिन बहने लगती है। इसी कारण आप को ध्यान में सफलता भी जल्दी मिलती है।
23 अनहद नाद के ध्यान के बाद धीरे-धीरे उठे।
24 अभ्यास करते समय आरामदायक कपड़ों का चयन करना चाहिए।
25 हमेशा हल्का व मन को सुखकर लगने वाला म्यूजिक ही सुने ।
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FAQ Related to 25 Natural Ways to Listen Anhad Naad in Hindi:-
Q. What is the meaning of Anhad Naad in Hindi ?
Ans. अनहद नाद का अर्थ है ऐसी आवाज जो बिना किसी आहत या टकराव के आती है । संसार की सभी आवाजें किन्ही दो चीजों के टकराने से आती है लेकिन अनहद नाद एक ऐसी आवाज जो बिना किसी आहत या टकराव के आती है ।
Final words for 25 Natural Ways to Listen Anhad Naad in Hindi:-
आज मैंने आपको बताया कि ’25 अनहद नाद सुनने के प्राकृतिक तरीके’ ( 25 Natural Ways to Listen Anhad Naad in Hindi ) कौन से हैं । उम्मीद करता हूँ कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी । यदि आपके मन में कोई प्रशन है तो हमे Comment Section में Massage करें ।