Mahatma Gandhi information in Hindi ( महात्मा गांधी का जीवन परिचय):- महात्मा गांधी जी को दुनिया में आज भी उनके चार प्रमुख गुणों के लिए याद किया जाता है। वे हैं अहिंसा, सत्य, प्रेम और बंधुत्व। इन चार गुणों को लागू करके उन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई। ऐसे महान व्यकितत्व वाले महापुरुष के योगदान से ही आज हम एक स्वतंत्र भारत में जी पा रहे हैं। लेकिन दोस्तों यह सफ़र इतना आसान नहीं था।
इस सफर में अनेकों मुश्किलें आयी, जिनसे गांधी जी घबराए नहीं और अपने संकल्प पर अडिग रहे। क्या था वो सफर जो उन्होंने अपने जन्म से मृत्यु तक तय किया? क्या था वो पथ जो उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए चुना? आज हम इन्हीं कुछ मुख्य सवालों के जरिए महात्मा गांधी जी के बारे में आपको जानकारी देंगे। इसलिए हमारा यह ब्लॉग Mahatma Gandhi information in Hindi (Mahatma Gandhi ka Jivan Prichay in Hindi) पूरा पढ़ें।
Table of Contents
Where was Mahatma Gandhi born and how did he get education?[Mahatma Gandhi information in Hindi] (महात्मा गांधी का जन्म कहाँ हुआ व उन्होंने शिक्षा कैसे ली?)
गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता एक प्रांत के प्रभारी अधिकारी थे। जिसके कारण मोहनदास भी एक अच्छे विद्यालय में पढ़ते थे।
हाई स्कूल में पढ़ते समय मोहनदास ने शादी कर ली। आगे प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद वे कानून की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। लेकिन दोस्तों महात्मा गांधी जी जन्म से महान नहीं थे। वह हम में से कई लोगों की तरह एक साधारण बच्चे ही थे।
How was the early life of Mahatma Gandhi? [Mahatma Gandhi information in Hindi] महात्मा गांधी का शुरुआती जीवन किस प्रकार का था?
दोस्तों शुरुआत में उन्होंने एक आम बच्चे की तरह ही अपना जीवन व्यतीत किया जैसे आप और हम थे। लेकिन वह भी बुरी संगति के शिकार हुए थे। गांधी जी की आत्मकथा में उनके द्वारा वर्णन किया गया है कि, उन्होंने अपने जीवन में केवल एक बार झूठ बोला था। एक बार सिगरेट पी थी। केवल एक बार अपने दोस्त के साथ मांस खाया।
ये सब काम उनके बचपन में बुरी संगति के प्रभाव के कारण हुए। हालाँकि, उन्होंने बहुत जल्द अपनी बुरी आदतों को सुधार लिया। और अपने पिता के सामने इन सभी बुरे कामों को कबूल कर लिया और उन्हें न दोहराने की कसम खाई। जिसके बाद धीरे-धीरे जैसे व बढ़े होते गए उनके व्यक्तित्व में परिवर्तन आता गया।
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Mahatma Gandhi’s return from England (महात्मा गांधी की इंग्लैंड से वापसी)
महात्मा गांधी जी ने इंग्लैंड में अपनी कानून की पढ़ाई को पूरा किया और 1893 में भारत वापस आ गए। आगे उन्होंने एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया। शुरुआत में उन्हें बेहद ही कठिनाई का सामना करना पड़ा लेकिन दोस्तों उन्होंने गरीब और सच्चे ग्राहकों का हमेशा समर्थन किया।
कभी-कभी तो गांधी जी निःशुल्क ही लोगों की मदद के लिए केस लड़ लिया करते थे। कुछ समय बाद वह अब्दुल्ला सेठ नामक एक प्रसिद्ध व्यापारी के मामलों से निपटने के लिए दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हो गए। उन्हें कहा पता था दक्षिण अफ्रीका का उनका यह सफर किस ओर मुड़ने वाला था।
Train journey of Mahatma Gandhi to South Africa [Mahatma Gandhi information in Hindi] (महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका जाते हुए ट्रैन यात्रा)
दोस्तों दक्षिण अफ्रीका में उन्हें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने पाया कि गोरे लोग वहां के काले भारतीयों के साथ बुरा व्यवहार कर रहे थे। वह स्वयं गोरों द्वारा अक्सर प्रताड़ित और अपमानित किया जाते थे। एक दिन, वह एक प्रथम श्रेणी के डिब्बे में एक ट्रेन में यात्रा कर रहे थे।
उन्होंने उस कंपार्टमेंट के लिए टिकट बुक करवाया था। लेकिन प्रथम श्रेणी में यात्रा करने के लिए अंग्रेजों ने उन्हें उस डिब्बे से बाहर कर दिया और अपमानित किया। गोरे लोगों ने उनसे कहा, तुम जैसे काले नीच लोगों के लिए यह प्रथम श्रेणी का डिब्बा नहीं बना है। यह सिर्फ़ गोरे लोगों के लिए है।
The incident of discrimination against Mahatma Gandhi in South Africa [Mahatma Gandhi information in Hindi] (दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी की रंग भेद भाव की घटना)
एक बार दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी जी ने एक महत्वपूर्ण अवसर पर पगड़ी पहनी और दरबार में उपस्थित हुए थे। लेकिन जज ने, जो एक गोरे आदमी थे, उन्हें आदेश दिया कि पगड़ी उतार दो क्योंकि वह कुली-वकील थे। लेकिन दोस्तों गांधी जी ने इस अन्यायपूर्ण और क्रूर व्यवहार के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
उन्होंने इस जातिय व रंग भेदभाव के लिए दक्षिण अफ्रीका में एक बड़े स्तर पर सत्याग्रह किया जो कि सफलतापूर्वक सफ़ल हुआ। हालांकि इस सत्याग्रह के पीछे उनके अन्य साथी भी थे जिन्होंने अपना पूरा सहयोग व समय दिया।
Important role of Mahatma Gandhi in Indian independence movement [Mahatma Gandhi information in Hindi] (महात्मा गांधी की भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका)
महात्मा गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह के रूप में अपना करियर बनाया। जिससे वह विश्वभर में प्रसिद्ध हो गए। उसके बाद वह 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौट आये। भारत में भी उन्होंने अंग्रेजों शासकों द्वारा भारतीय लोगों पर इसी तरह का निर्दयी व्यवहार पाया।
जिससे उनके दिल को बड़ी ठेस पहुँची और उन्होंने संकल्प लिया कि वह भारतीय मूल के लोगों की आवज बनेंगे। उन्हें गुलामी से आजादी के पथ पर लेकर जायँगे। परन्तु दोस्तों यह इतना सरल नहीं था उन्होंने अनेकों आंदोलन किए। जिनमें उन्होंने 1930 में असहयोग आंदोलन और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया।
अंग्रेजों को यह देखकर बड़ी हैरानी हुई व घबरा गए। इसलिए उन्होंने गांधी जी को अनेकों बार जेल में भी डाला। किंतु गांधी जी ने निश्चय कर लिया था। उन्होंने अपने संघर्ष के दौरान अंग्रेजी शासकों के खिलाफ कभी कोई ईर्ष्या और हिंसा नहीं की। अन्ततः अथक प्रयासों के बाद वह सफल हुए और ब्रिटिश सरकार को मजबूरन उनके सामने घुटने टेकने पड़े। 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश सरकार ने भारत को स्वतंत्रता प्रदान की और भारत एक स्वतंत्र राज्य बन गया।
Why is Mahatma Gandhi famous in the world? [Mahatma Gandhi information in Hindi] महात्मा गांधी विश्व में क्यों प्रसिद्ध हैं?
मोहनदास करमचंद गांधी (1869-1948) पिछली सदी के सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली सामाजिक और धार्मिक सुधारकों में से एक थे। जिन्होंने अपना जीवन न्याय, शांति और देशों, नस्लों और वर्गों के बीच समानता के लिए प्रयास करते हुए बिताया।
दोस्तों उनके विचारों और आदर्शों ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर से लेकर वेक्लेव हवेल तक कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों को प्रेरित किया है और दुनिया के हर कोने में बदलाव के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम किया है। इनके द्वारा किए गए सभी कार्य आज भी समाज में व्याप्त हैं, जो महात्मा गांधी जी को विश्व में याद रखने के लिए पर्याप्त हैं।
Gandhi’s message to the next generation (गांधी जी का आने वाली पीढ़ी को संदेश)
गांधी जी की जीवन शैली बहुत ही सरल थी। उन्होंने जाति की बाधा को दूर किया। उन्होंने अछूतों को हरिजन, ईश्वर की संतान कहा। वह एक सच्चे सुधारक थे। उन्होंने भारतीयों से शारीरिक श्रम करने को कहा। उन्होंने अपने समय के छात्रों को आत्म निर्भर होने के लिए व्यावसायिक विषयों को पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में हस्त कताई को एक विषय के रूप में पेश करने की भी सलाह दी। वे कृषि के प्रबल समर्थक थे। अतः इन उच्च विचारधारा के ज़रिए गांधी जी ने आने वाली पीढ़ी को हमेशा जागरूक रहने और कार्य करने की सलाह दी।
Gandhi’s unnatural death [Mahatma Gandhi information in Hindi] (गांधी जी की अप्राकृतिक मृत्यु)
हमारे लिए सबसे दुखद बात यह है कि गांधी जी की अप्राकृतिक मृत्यु हुई। महात्मा गांधी जी 30 जनवरी, 1948 को एक प्रार्थना में शामिल होने जा रहे थे। वहाँ नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। यह एक क्रूर हत्या थी। उनके निधन पर पूरी दुनिया में मातम छाया था। उनके पार्थिव शरीर का नई दिल्ली के राज घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। हम हर साल इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं। गांधी जी वास्तव में एक महान आत्मा थे।
My personal thoughts for Gandhiji (मेरे निजी विचार गांधी जी के लिए)
दोस्तों मेरे अनुसार, गांधीजी एक सच्चे आध्यात्मिक व्यक्ति थे। उन्होंने राजनीति को आध्यात्मिक बनाया। उन्हें यह देखकर दुख हुआ कि स्वतंत्रता के तुरंत बाद कई राजनेता सत्ता के लालची हो गए थे। उन्होंने हमेशा ईमानदारी से उनसे देश के विकास के लिए काम करने की अपील की। उन्होंने लोगों से एक-दूसरे से प्यार करने और सहन करने को भी कहा। उन्होंने गीता, कुरान, पवित्र बाइबिल और अन्य सभी शास्त्रों को पढ़ा था। जिसका अर्थ यही है सभी धर्मों के प्रति प्रेम भावना रखनी चाहिए और सबको मिल जुलकर रहना चाहिए।
FAQs about Mahatma Gandhi information in Hindi
Was Mahatma Gandhi a true reformer? (क्या महात्मा गांधी जी सच्चे सुधारक थे?)
जी हाँ, मोहनदास करमचंद गांधी पिछली सदी के सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली सामाजिक और धार्मिक सुधारकों में से एक थे।
Which play was most influenced by Mahatma Gandhi? (महात्मा गांधी जी किस नाटक से सबसे ज्यादा प्रभावित थे?)
महात्मा गांधी जी “राजा हरिश्चंद्र” नामक नाटक में राजा हरिश्चंद्र के चरित्र से बहुत प्रभावित थे।
Did Mahatma Gandhi drink cigarettes and alcohol?(क्या महात्मा गांधी जी सिगरेट और शराब पी थी?)
जी हाँ, ये सब काम उनके बचपन में बुरी संगति के प्रभाव के कारण हुए। हालाँकि, उन्होंने बहुत जल्द अपनी बुरी आदतों को सुधार लिया और इन चीजों को हाथ न लगाने की कसम खाई।
When were the Non-cooperation Movement and Quit India Movement launched? (असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन कब शुरू किया गया था?)
महात्मा गांधी जी द्वारा 1930 में असहयोग आंदोलन और 1947 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था।
Final Words on Mahatma Gandhi information in Hindi
हम उम्मीद करते हैं हमारे इस ब्लॉग Mahatma Gandhi information in Hindi के माध्यम से आपको महात्मा गांधी जी के जीवन की जानकारी मिल गई होगी। लेकिन यदि आपके पास कोई सुझाव व प्रश्न है तो आप कमेन्ट बॉक्स में अपना सवाल पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सुझावों और सवालों के जवाब देने के लिए हमेशा उपलब्ध हैं। ऐसे ही महत्वपूर्ण व रोचक जानकारियां पढ़ने के लिए हमारे पेज से जुड़े रहें।