Kaise Geet Gakar Ki Desh ki raksha : हम सभी Maharana Pratap के बारे में जानते हैं Maharana Pratapचित्तौड़ के राणा उदय सिंह के बेटे थे और। महाराणा प्रताप के बारे में कौन नहीं जानता वह एक सच्चे देशभक्त हैं और उन्होंने अपने जीवन काल में बहुत सारे ऐसे कारनामे करके दिखाए थे जिसके बारे में लोग आज भी चर्चा करते हैं उनकी बहादुरी के किस्से तो
आप लोगों ने 1 वर्षों नहीं होंगे पर आज कैसा आर्टिकल के माध्यम से आप लोगों को बताएंगे महाराणा प्रताप के कैसे कथा के बारे में जिसमें उन्होंने गीत गाकर देश की रक्षा की थी
जी हां यह कहानी बहुत दिलचस्प है और उन्होंने कैसे अपनी देशभक्ति निभाई थी गीत गाकर आज के माध्यम से हम बताने जा रहे हैं कि कैसे Maharana Pratap ने अपनी देशभक्ति निभाते हुए अपने देश को बचाया था गीत गाकर वह एक बहुत बड़े देशभक्त थे और करने वाले योद्धा भी थे।
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Who was Maharana Pratap ?( Maharana Pratap कौन थे?)
यदि हम बात करते हैं Maharana Pratap की तो Maharana Pratap चित्तौड़ के राणा उदय सिंह के पुत्र थे और उन्होंने इतिहास में अपने परिश्रम अपनी वीरता और अपने घोड़े के दम पर बहुत ज्यादा ख्याति प्राप्त की उन्होंने अपने दृढ़ निश्चय के साथ साथ किसी भी बाहर के व्यक्ति को अपने देश पर राज नहीं करने दिया उसी के साथ साथ महाराणा प्रताप एक ऐसा नाम थे
जो जीवन में सिर्फ और सिर्फ सकते के रास्ते पर चले और उन्हें अपनी बहादुरी के चर्चे पूरे विश्व भर में फैला है उन्होंने ना सिर्फ अपने युद्ध कौशल से लोगों का दिल जीता बल्कि अपने लोगों की रक्षा करते हुए भी उन्होंने जान गवा दी वह ना तो किसी से डरते थे और उनकी कद काठी भी ऐसी थी कि मानो कि कोई गरजता हुआ सिंह ही हो।
Kaise Geet Gakar Ki Maharana Pratap ne Desh ki raksha in Hindi
तेरे हम बात करें Maharana Pratap के गीत गाने वाली कहानी की तो प्रताप राणा के बेटे थे और उन्हें गाने बजाने का बहुत शौक था और वह सदैव देशभक्ति के गीत किले में गुनगुनाते रहते थे और लोग उन्हें गाने के लिए कहते थे क्योंकि उनके आवाज लोगों को बहुत पसंद थी और उनके पिता उसके लिए मना करते थे और इसकी वजह यह थी क्या कि क्योंकि मैं
भविष्य के राणा होने वाले थे और उन्हें यह सॉन्ग गाने बजाने का अच्छा नहीं लगता था और उन्होंने यह कहकर महाराणा प्रताप को गीत गाने से मना करता कि यह तो छोटे लोगों का काम है तुम्हें तबला या ढोल नहीं तलवार और बंसी की ताल सीखनी चाहिए
और तुम्हें अपने गाने नहीं तलवार की आवाज से जाहिर करने चाहिए अपने देश भक्ति और यह उन्होंने महाराणा प्रताप को कहा महाराणा प्रताप ने इस बात को सिद्ध करके भी दिखाया क्योंकि जब मुगल साम्राज्य में चित्तोड़ पर हमला किया तो महाराणा प्रताप उन पर इस तरह से गरज के बरसे थे कि मुगल राजा की रूह कांप गई थी चित्तौड़ का किला इतना मजबूत है
उनका जमकर मुकाबला किया था उस वक्त बस्ती में रहते थे और देशभक्ति के गीतों में झूम रहे थे एक मुगल सैनिक पकड़ा और मुगल उन्हें एक गांव वाला ही समझ रहे थे फिर आपकी आवाज बहुत सुरीली थी और
उन्होंने मुगलों के द्वारा आग्रह करने पर विशेष तरह का एक गीत सुनाए प्रताप को उनकी भाषा में गाने का आदेश दिया गया और उसके पीछे मुगलों का एक मकसद था कि मुगलों ने योजना बनाई थी कि गांव का चरण जाएगा तो किले के भीतर आवाज जाएगा ना लगा कि राजपूत के लिए पुकार रहे हैं और वह कहीं ना कहीं दुर्ग का दरवाजा खोल देंगे और वह मुगल
उसके अंदर घुस जाएंगे और जैसे ही वह दरवाजा खोलेगा मित्रों की वर्षा कर देंगे और उस वक्त सभी बड़े मुकेश वहां मौजूद थे
पर हुआ कुछ यूं कि महाराणा प्रताप ने अपनी समझदारी दिखाते हुए उन्होंने अपनी भाषा में गीत गाया और अपनी भाषा में कुछ इस तरह से गिर गया कि उसकी वजह से सैनिक चित्तौड़ के किले के अंदर जो तैनात थे वह चौकाने हो गए और उन्होंने जैसे ही दरवाजा खोला और तीरों की वर्षा कर दी और तीनों की वर्षा में सारे मुगल साम्राज्य के लोग मारे गए और इसी तरह
उन्होंने सिद्ध किया की देशभक्ति तलवार के माध्यम से ही नहीं गाने बजाने के माध्यम से भी दिखाई जा सकती है और बड़ी से बड़ी जंग तलवार के दम पर नहीं अपने युद्ध कौशल और विवेक से भी जीती जा सकती है।
शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें मुश्किल दौर में भी अपने विवेक को नहीं खोना चाहिए यदि हमारे सामने कोई बड़ी विपदा आ गई है तो हमें अपने कार्य में दृढ़ता दिखाते हुए अपने जितने भी कौशल हैं उनको याद रखते हुए कैसे हम उन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं उस पर ध्यान देना चाहिए और उसे इस्तेमाल करके अपने जीवन काल में बड़ी से बड़ी
कविता को हम जीत सकते हैं इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि यदि हम किसी काम को करते हैं
और उसमें मन लगाकर करते हैं तो कहीं ना कहीं जीवन में वह हमारे काम ही आता है और उसी के दम पर हम बड़े से बड़ा युद्ध में जीत सकते हैं यदि हम बात करें इस कहानी की तो इसमें महाराणा प्रताप ने अपने गीत गाकर पूरी तरह से जंग को अपने हक में कर दिया था और अपने लोगों को मरने से बचाया था तो इसी की वजह संध्या भी समझ सकते हैं कि कोई काम
छोटा या बड़ा नहीं होता बस हमारे मन पर यह होना चाहिए कि हम जो भी काम कर रहे हैं पूरे विवेक से पूरे मन लगाकर उसे करें तो वह पूरा का पूरा हमारे लिए सकारात्मक ही सिद्ध होता है।
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Final Words For Maharana Pratap 1 Amazing Story : Kaise Geet Gakar Ki Maharana Pratap ne Desh ki raksha in Hindi
आज के आर्टिकल के माध्यम से हमने आप लोगों को बताया कि कैसे गीत गाकर महाराणा प्रताप ने देश की रक्षा करें हम आशा करते हैं कि आप लोगों को है आर्टिकल पसंद आया होगा अपना कीमती वक्त निकालकर इसे पढ़ने के लिए धन्यवाद!