आपने अक्सर Kundalini Meditation के बारे में कहीं पढ़ा होगा । या Kundalini Meditation शब्द कहीं लिखा हुआ देखा होगा ।बहुत लोग बहुत तरह से इस ध्यान को समझाने की कोशिश करते हैं ।यह करने के बहुत सारे तरीके भी बताया करते हैं। तो आज इस Article के माध्यम से हम जानेंगे कि Kundilini Meditation होता क्या है।
हम इसे कैसे सीख सकते हैं। इससे जुड़े बहुत सारे ऐसे तथ्य जो आपको बहुत कम ही जगह पर पढ़ने को मिलते हैं। Kundalini meditation एक ऐसी अवस्था है जिस से हम कह सकते हैं की हमारे जीवन में अधिक सौम्यता आती है।बहुत लोगों के मन बहुत सारे सवाल उठते हैं। तो उन्हीं सारे जवाबों को ढूंढने के लिए चलिए जानते हैं Kundilini Meditation के बारे में और थोड़ी गहराई से।
Table of Contents
What is the Meaning Of Kundalini Meditation?
Kundalini Meditation का मतलब क्या होता है?
कुंडलिनी का अर्थ अगर हम समझने का प्रयत्न करें तो कुछ इस प्रकार समझना हमारे लिए सरल होगा की यह दिव्य शक्ति वह शक्ति होती है ।जो किसी भी मनुष्य के अंदर एक ऊर्जा संग्रहित होती है।
जो कि मेरुदंड के नीचे स्थित होती है ।सबसे खास बात इसकी यह होती है कि इस शक्ति से हमारे सारे चक्र जुड़े हुए होते हैं।उससे भी परे इसका नाम कुंडलिनी इसीलिए भी रखा गया है क्योंकि यह इस प्रकार मनुष्य के शरीर में स्थित होती है कि जैसे कि मानो कोई सा कुंडली मार कर बैठा हो।
सबसे ज्यादा विस्मय में डालने वाली बात तो यह है की इस ऊर्जा की प्रकृति कुछ अलग प्रकार की होती है।जब यह आपके शरीर में शांत होती है तो आपको इस बात का अनुभव भी नहीं होता कि आपके शरीर में है भी या नहीं।
पर जैसे ही इस शक्ति को जागृत किया जाता है तो आपके शरीर में एक काल्पनिक ऊर्जा का संचार होता है। जिसके बाद आप खुद विश्वास नहीं कर पाते की आपके शरीर में इतनी ज्यादा ऊर्जा भी है या हो सकती है।यह भी कहा जा सकता है कि यह परमाणु की तरह होती है। जिसको आप देख नहीं सकते पर उस पर अगर आप हमला करेंगे या उसे तोड़ने की कोशिश करते हैं तो एक जबरदस्त घटना घटित होती है।
How to do Kundalini Meditation?
Kundalini Meditation कैसे कर सकते हैं?
इस बात को कहना गलत नहीं होगा कि पूरी योगिक विद्या का मकसद सिर्फ हमारी बुद्धि कौशल को बढ़ाना होता है।
योग की मदद से हम अपने अंतरात्मा को जान सकते हैं।
योग की मदद से शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
इससे हम अपने अनुभव शीलता को भी बेहतर बना सकते हैं। योग एक ऐसी विद्या है जिससे हम अपने अंदर के शरीर को बेहतर तरीके से जान सकते हैं।
हमने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना है कि अपनी आंखों के बीच में जो बिंदु है उस पर ध्यान केंद्रित करो।लोग कहते हैं की यहां पर जैसे की भगवान शिव की तीसरी आंख है। वैसे ही हमारी भी ध्यान और एकाग्रता की बिंदु भी इसे माना गया है।जैसे ही हमारा ध्यान इस बिंदु पर केंद्रित होने लगता है। वैसे ही हमारी समाज का एक और पहलू खुल जाता है।अगर हम बात करें की कुंडली मेडिटेशन कैसे की जा सकती है।
उसका एक सरल सा उत्तर यह है कि हमें योग अभ्यास करना होगा।
दरअसल कुंडलिनी मेडिटेशन वह मेडिटेशन की प्रक्रिया है जिसमें कुंडलिनी सात चक्रों से होकर गुजरती है और उससे ऊपर उठती है।इस विद्या में पारंगत लोगों का मानना है कि हमें अगर यह मेडिटेशन करनी है तो हमें इस चीज का ध्यान रखना होगा कि हम उस वक्त हल्के वस्त्रों को पहने।
और हमारे शरीर पर कोई ऐसी भारी वस्तु ना हो जिससे हमें ध्यान लगाने में दिक्कत हो।
और हमें ब्रह्म मुहूर्त में पद्मासन में अपनी रीड की हड्डी को सीधी करके बैठ जाएं ।
आपको इस चीज का ध्यान रखना है कि आपके दोनों हाथ पैर के घुटनों पर ही फैले रहें।
अपने ध्यान को केंद्रित कर अपना सारी ऊर्जा को एकत्रित कर शांत चित्त होकर बैठ जाएं।
और आपको अपने शरीर के अंदर की ऊर्जा को महसूस करना है।
Kundalini Meditation For Beginners
Kundalini Meditation करते वक्त हमें इस चीज का ध्यान रखना होता है की हमारे शरीर के सात चक्र पर हम अपना ध्यान केंद्रित करें। हमें मूलाधार चक्र से लेकर सहस्त्रार चक्र तक अपने ध्यान को केंद्रित करना होता है। यह Meditation को हम Deepest State Of Meditation भी कह सकते हैं।
हिंदी में देसी को समझने के लिए इसे हमें तीन भागों में विभाजित करना होगा । हमे जानना होगा की कैसे हम तीन आसान से Steps में Kundilini Meditation कर सकते हैं।
पहला Step –
अपने ध्यान को अपनी सांसो पर केंद्रित करना मतलब अपनी सांसों को अपने ध्यान की मदद से नियंत्रित करना।मतलब आपको अपनी सांसे कुछ इस तरह से लेनी है की आपकी सांस अंदर लेते वक्त आपको यह विचार आना चाहिए है की यह आपके मेरुदंड से होकर गुजर रही है।
यह विचार आपको जैसा कि मैंने बताया सांस अंदर लेकर वक्त करना है यानी इस दौरान आपके शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सांस के साथ ऊपर से मेरुदंड के निचले सिरे तक पहुंचता है।
दूसरा Step.
दूसरे स्टेप में हमें इस चीज का बहुत ध्यान रखना होता है की हम अपनी सांसो को नीचे की ओर प्रवाहित करें।हमें इस चीज का ध्यान रखना होता है कि हम अपने सांसों को अंदर होकर रखें और धीरे-धीरे उन्हें गतिशील बनाए और ऊर्जा को उत्पन्न करें। जब आप ऐसा करते हैं तो इससे आपके मस्तिष्क से होती हुई यह सांस है आप के तीसरे नेत्र तक पहुंचती है।यहां से ही उत्पन्न होती है ऊर्जा।
तीसरा Step.
तीसरे और आखिरी Step में हमें कुछ चीज पर ध्यान देना होता है । जो भी ऊर्जा हमने उत्पन्न की है वह जागृत रहे। जागृत रहने से हमारा मतलब यह है कि हमने जो भी ऊर्जा उत्पन्न हुई है उसको इतना शक्तिशाली रूप दे देना जैसे की शक्तिपात के वक्त हुआ करता है।
अगर आप उसमें Beginner है तो आपको इन तीनों Steps को लगातार Practice करने की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है अगर आप अपनी Kundilini Meditation को पूर्णता सीखना चाहते हैं।
Why is Kundalini Dangerous?
Kundalini खतरनाक क्यों है ?
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि Kundalini Meditation से या Kundalini Awakening से आपके शरीर में एक इतनी शक्तिशाली ऊर्जा का प्रवाह होता है जिसकी कल्पना आप कभी कर ही नहीं सकते।इस योगा को सबसे जोखिम भरा और खतरनाक योग भी माना जाता है। खतरनाक इस रूप में माना जाता है की यह योग बहुत शक्तिशाली भी है ।
सारे मनुष्य इतनी शक्तिशाली ऊर्जा को संभालने में सक्षम नहीं होते। और किसी के परिणाम वर्ष यह योग उनके लिए भी खतरनाक बन जाता है। हमारी शरीर के अंदर की ऊर्जा तब तक हमारे लिए घातक नहीं होती जब तक हम उन्हें निष्क्रिय ऊर्जा के तौर पर ही रहने देते हैं। वे निष्क्रिय जब होते हैं तब हमारे मन के संतुलन को बिल्कुल भी Effect नहीं करते ।
जब भी हमारी कुंडली में सक्रिय होती है तो उसका मतलब होता है की हमारे शरीर के 21 चक्र सक्रिय हैं। बात यह भी है की जब भी हम Kundalini Meditation या Kundalini Yoga को करते हैं। तब हमारे जिंदगी पर बहुत सारे Dimensions भी खुल जाते हैं ।जिसकी वजह से हमारी जिंदगी में असंतुलन आने लगता है ।
क्योंकि हम उन आयामों के लिए तैयार नहीं है हमने इस चीज को करने से पहले यह नहीं सोचा होता। या फिर अपने आप से यह सवाल नहीं किया होता कि क्या उन आयामों के लिए आप तैयार हो भी या नहीं।इसीलिए यह कहा जाता है कि यह जो सबसे शक्तिशाली और सबसे खतरनाक की है।बिना किसी जरूरी तैयारियां , मार्गदर्शन के यह योग करना खतरे से खाली नहीं होता।
Kundalini Meditation Mantras
बहुत से लोग कुंडलिनी जागृत करने के लिए बहुत सारे मंत्र बताया करते हैं। पर ऐसा कहा जाता है की Kundilini Meditation के लिए शबर मंत्र सबसे ज्यादा मददगार और असरदार होता है। इसकी मदद से हम अपने चक्रों को भी जागृत कर सकते है। और जिस पूजा की हमें तलाश होती है उस ऊर्जा का प्रवाह अपने शरीर में करवा सकते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र को किसी भी एक पवित्र दिन शुरुआत कर सकते हैं। जैसे कि नवरात्र या कोई और भी पवित्र दिन से शुरू करते हैं तो इसका फल बहुत Positive आता है।इसके लिए आपको जमीन पर एक आसन बिछाकर उस पर अपनी रीढ़ की हड्डी सीधे कर बैठना होता है।दिन की पांच माला इस मंत्र की जपनी होती है। ऐसा आपको 50 मिनट तक करना होता है
तकरीबन 40 से 42 दिन तक आपको यह रोज करना होता है। पर इन दिनों के बीच में आपको अपनी दिनचर्या बहुत ही संतुलित रखनी पड़ती है ।आपको ब्रह्म मुहूर्त में उठना पड़ता है ।आपको अपने खानपान में भी ज्यादा लवण युक्त, ज्यादा खट्टे , ज्यादा तीखे , बासे भोजन को ग्रहण करने से भी बचना होता है।
आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि आपको यह मंत्र उच्चारण रोज एक ही वक्त पर करना है।
जैसे-जैसे आप इसमें आगे बढ़ते जाएंगे वैसे वैसे आपको अपनी रीड की हड्डी में कंपन महसूस होगा।
What is the Purpose of the Kundalini Meditation?
Kundalini Meditation का Purpose क्या है ?
होली मेडिटेशन के बहुत सारे Purpose और बहुत सारे फायदे होते हैं। दरअसल कुंडलिनी मेडिटेशन को अलग-अलग लोग अलग-अलग मार्गदर्शन लेकर अलग पर्पस के लिए किया करते हैं। कुछ लोग तो सिर्फ इसे अपने ज्ञान की वृद्धि के लिए क्या करते हैं और कुछ लोग अपने नर्वस सिस्टम को ठीक करने के लिए भी किया करते हैं।
हमारे नर्वस सिस्टम में जैसे ही Kundalini Meditation के माध्यम से ऊर्जा का प्रवाह होता है तो एक कंपन महसूस होता है। उसी कंपनी के चलते हमारा Nervous System एक शांत तरीके से काम करना सीखता है। दूसरा Kundalini Meditation से हमारी Will Power जिसे हम अपनी इच्छाशक्ति भी कहते हैं वह मजबूत होती है।
इससे हम किसी भी काम को करने में सक्षम हो जाते हैं। जो ऊर्जा हमारे शरीर के अंदर उत्पन्न होती है वह हम उन कामों में लगा पाते हैं और उनका कामों में अपना शत-प्रतिशत दे पाते हैं।हमारे दिमाग की शक्ति भी Kundalini Meditation के माध्यम से बहुत तीव्र गति से बढ़ती है। पर इसका प्रभाव हमारे कामों पर हमारी दिनचर्या पर हमारी नौकरी पर हमारे मन पर, सब पर पड़ा करता है।
कुछ लोगों का परपस इस योग को सीखने का यह भी होता है कि वह उसको सीख कर अपने डिसीजन मेकिंग को भी सुधार सकें और अपने मन को अपने नियंत्रण में करके अपने सारे कामों को व सुचारू रूप से कर सकें। किसी भी इंसान के दूसरे इंसान के प्रति भावो को भी यह एकदम ठीक करता है।
और भी बहुत सारे Purpose है KundalinI Meditation के जो कि इंसान हर एक इंसान के लिए अलग-अलग होते हैं ।जैसे की हमारे जिंदगी के मकसद अलग होते हैं। वैसे ही हर एक इंसान का Kundalini Meditation करने का मकसद भी अलग होता है।
What are Kundalini Symptoms?
Kundalini के लक्षण क्या है ?
कुंडली में एनर्जी एक ऐसी एनर्जी होती है जो कि किसी भी मनुष्य के अंदर उसके जन्म से ही होती है ।जब भी बात आती है कि कुंडलिनी के लक्षणों की तो यह लक्षण प्रत्येक मनुष्य में अलग अलग दिखाई देते हैं ।कुछ लक्षण ऐसे भी हुआ करते हैं जो लोगों में कॉमन होते हैं पर सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बात यह है की कोई भी इंसान जिसके अंदर Kundalini ऊर्जा या फिर Kundalini Energy जागृत हो जाती है तो लक्षणों को वह कैसे हैंडल करते हैं।
कुछ ऋषि मुनि ऐसे होते हैं जिनको भगवान के द्वारा ही यह एनर्जी जन्म से मिली होती है और कुछ मनुष्य ऐसे होते हैं जो अपनी क्रियाओं को अभ्यास करके ऊर्जा का स्त्रोत अपने शरीर के अंदर शुरू करते हैं।
अगर हम बात करें सिम्टम्स की तो सबसे पहला सिम्टम्स और कॉमन सेंटर कुंडली मेडिटेशन की वजह से कुंडली ने की वजह से होता है वह होता है सिरदर्द जब भी हमारे मूलाधार चक्र से जो ऊर्जा है वह Concentrate होती है ।तो हमारे दिमाग के जो Energy Centre s होते हैं ।उन पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है। उसी कारणवश हमें सिर दर्द महसूस होता है।
हार्मोनल चेंज होने की वजह से यह दर्द नार्मल सर दर्द नहीं रहता यह सर दर्द असहनीय हो जाता है। या यूं कहिए कि शब्दों में बयां करना मुश्किल हो जाता है । इस दर्द में आपको दर्द भी महसूस हो रहा होता है और एक अजीब सी असेहनियेता भी महसूस हो रही होती है।कुछ लोगों को अपने बाएं पैर के अंगूठे में झनझनाहट सी महसूस होती है।
और अपने बाएं शरीर के हिस्से में झनझनाहट सी महसूस होने के साथ-साथ उन्हें शरीर में तापमान भी बढ़ता हुआ महसूस होता है या शरीर में गर्मी महसूस होती है। जब भी कुंडलिनी आपके शरीर में जागृत हो जाती है तो आपको अपने बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है कुछ लोगों के यह सिस्टम दिखता है कुछ लोगों के नहीं दिखता पर ज्यादातर लोगों के बाल झड़ने की शिकायत सामने आई है।
How does it Feel When Kundalini Awakens?
Kundalini जागृत जब होती है तो कैसा महसूस होता है?
जब भी किसी इंसान के कुंडलिनी जागृत होती है। तो उसके शारीरिक स्तर पर मानसिक स्तर पर उसके पारिवारिक संबंधों में दोस्ती में रिश्ते में काफी कुछ बदलाव आते हैं। क्योंकि आपकी कुंडलिनी जब भी जागृत होती है तब आपके इनट्यूशंस पावर बहुत ही ज्यादा मजबूत हो जाती है और आप उस वक्त में अपने इर्द-गिर्द जो भी नेगेटिव लोग होते हैं उनको अपनी जिंदगी से काटना शुरु कर देते हैं।
यह आप जानबूझकर नहीं कर रहे होते हो बल्कि आपके चक्रास में जो भी Negative Energy थी। चाहे वह ट्रॉमा के रूप में हो ,चाहे वह किसी पुरानी याद के रूप में हो सब निकल जाती है। अब आप अपनी जिंदगी में Negative लोगों को जगह नहीं बनाने देते । अपने आप ही वह लोग आपकी जिंदगी से कटते चले जाते हैं । आपके नए दोस्त बनते हैं जो कि Positive Thinking रखते हैं या फिर जिनकी Positive Vibes हुआ करती है।
Note – इस आर्टिकल में बताई गई सारी बातें पूर्णता Research Based हैं। इस तरह की किसी भी क्रिया को करने का प्रयास आप अपने विवेक से ही करें।
FAQ Related to ‘How To Do Kundalini Meditation’
Kundalini Meditation क्या होती है?
यह वह क्रिया होती है जिसे हम योग के माध्यम से अभ्यास कर सकते हैं। इसमें हमारी मूलाधार चक्र से ऊर्जा उत्पन्न होती हैं । जो हमारे दिमाग से होती हुई हमारी तीसरी आंख में जाती है । इसकी वजह से हमारे शरीर में एक काल्पनिक ऊर्जा का संचार होता है।
Is Kundalini Meditation Dangerous? क्या kundalini Meditation खतरनाक है ?
जी हां, बिल्कुल kundalini Meditation ख़तरनाक है। जैसा कि आर्टिकल में बताया गया है कि यह ऊर्जा बहुत ही शक्तिशाली होती है अगर इससे Proper Guidance के साथ नहीं किया जाए तो यह खतरनाक हो सकती है।
Is Kundalini Awakening Possible with Mantras ? क्या Kundalini Awakening मंत्र के माध्यम से Possible है?
जी हां, बिल्कुल मंत्र के उच्चारण के माध्यम से पॉसिबल है और उसकी पूरी प्रक्रिया हम आपको बता चुके हैं ।उसी प्रक्रिया से अगर आप लगातार नियमित रूप से वह करते हैं तो आप इसे जागृत कर सकते हैं।
What are the Symptoms of Kundalini? Kundalini के Symptoms क्या होते हैं?
Kundalini के वैसे तो अलग अलग लोगों में अलग अलग प्रकार के Symptoms देखने को मिलते हैं पर कुछ एक कॉमन सिम्टम्स है जैसे बाल झड़ना ,हमारे सिर में दर्द होना, नए लोगो को जिंदगी में आना ।
When to Practice Kundalini Meditation? Kundalini Meditation किस वक्त Practice करें?
Kundalini meditation के लिए सबसे अच्छा वक्त ब्रह्म मुहूर्त का माना जाता है। जो कि प्रातः काल 3:30 से लेकर 6:00 के बीच में हुआ करता है ।उस वक्त में सबसे ज्यादा अच्छी बात यह हुआ करती है कि आप अपने इंद्रियों को अच्छे से एकत्र कर सकते हैं। ध्यान लगाने में भी आपको आसानी हो या करती है और किसी वक्त के अपेक्षा।
Is Kundalini Scientific Proven? क्या Kundalini Scientific Proven है?
ज़ी हा, Kundalini scientific proven है। साइंस भी इसे मानता है ऑल सटल बॉडी का दर्जा देकर इसे Describe करता है। हमारी योगिक Science वैज्ञानिकों द्वारा भी मानी गई है और यह सारी विद्या जो हमें अपने वेदों से मिलती है। वह सब वैज्ञानिकों द्वारा कहीं ना कहीं सिद्ध की गई हुई है।
What Does Kundalini Mean in English? Kundalini का English में मतलब क्या होता है?
इसका मतलब इंग्लिश में “Coiled” होता है ।जैसे कि हमने आपको आर्टिकल में भी बताया है कि यह ऐसा प्रतीत होता है कि मानो कोई सांप कुंडली मान कर बैठा हो। या फिर अपने शरीर को दो या तीन बार लपेट कर बैठा हो।
Final Words for How to Do Kundalini Meditation
हमने इस Article की मदद से आज Kundalini Meditation को जानने का प्रयास किया। हमने इस Article की मदद से आज बहुत सारे तथ्यों को जाना। जैसे कि Kundalini Meditation होता क्या है ।
Kundalini Meditation को हम कर कैसे सकते हैं, और कि वह कितना घातक भी हो सकता है। इसके माध्यम से हमने आज यह भी जाना आपकी Kundalini Meditation की क्रिया को अगर हम किसी भी अच्छी Guidance के बिना करें तो वह हमारे ही शरीर के लिए बहुत ही दुष्प्रभाव भी हो सकता है।
इस Article की मदद से आज हमने यह सारी चीजों को जाना जिनकी बारे में शायद ही बहुत कम लोग जानते होंगे इतनी गहराई से।तो हम आशा करते हैं कि आप लोगों को यह आर्टिकल पसंद आया होगा । आपने सारे तथ्यों को अच्छे से पढ़ कर समझा होगा।
आपका कीमती वक्त निकालकर पढ़ने के लिए धन्यवाद!