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Bhastrika Pranayama | भस्त्रिका प्राणायाम:-
भस्त्रिका शब्द का अर्थ है – ” धोकनी ” (धोकनी चमड़े की थैली का बना हुआ एक उपकरण है जिसे बार-बार खोल कर बंद करने और दबाने से उसके अंदर भरी हुई हवा नीचे लगी हुई नली के रास्ते से आगे पहुंच कर आग लगाने में सहायक होती है उसी प्रकार हमारे शरीर में नाक के द्वारा स्वसन प्रक्रिया को अंदर लेना और बाहर छोड़ने की तेज प्रक्रिया को ही भस्त्रिका कहा जाता है।
आज के समय में जहां प्रदूषण का स्तर दिनों दिन बढ़ रहा है , वह हमें शुद्ध प्राणवायु सामान्य रूप से मिलना मुश्किल हो गया है | इस कारण भस्त्रिका प्राणायाम हमारे लिए सुनहरा मौका देता है कि हम शुद्ध प्राणवायु ले सकें और अशुद्ध प्राणवायु को छोड़ कर शरीर को स्वस्थ बनाए रख सकें ।
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Why we should do Bhastrika Pranayama? | भस्त्रिका प्राणायाम क्यों करें?
भस्त्रिका प्राणायाम से हम Oxygen को आहान करते हैं यह ऑक्सीजन फेफड़े में जाकर रक्त कोशिकाओं द्वारा अवशोषित होकर हृदय में हृदय से ऑस्टरिच में ऑस्ट्री से कैप्रीस में कैपरी से बॉडी में बॉडी से एक-एक सेल और उत्तक से लेकर प्राण तत्व में समाहित होकर शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा देता है |
How to do Bhastrika Pranayama? | भस्त्रिका प्राणायाम कैसे करें?
भस्त्रिका प्राणायाम की विधि:-
1. सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं ।
2. शुरू में धीरे-धीरे सांस लें और इस सांस को बलपूर्वक छोड़ें ।
3. इस प्रक्रिया को जल्दी-जल्दी बार-बार दोहराए ।
4. भस्त्रिका करने के पश्चात 1 मिनट के लिए सांस को रोके।
5. इस तरह भस्त्रिका प्राणायाम का एक चक्र पूरा हुआ ।
भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ | Benefits of Bhastrika Pranayam
Bhastrika Pranayam ke labh:-
1. मस्तिष्क का स्वस्थ रहना
2. भस्त्रिका प्राणायाम से हमारे संपूर्ण शरीर में रक्त का संचालन होता है | जिसका प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है और मस्तिष्क से सुचारू रूप से कार्य करने लगता है जिसके कारण मस्तिष्क से संबंधित अनेकों बीमारियां तथा तनाव आदि को कम करने में भस्त्रिका प्राणायाम सहायक है
3. डिलीवरी के दौरान महिलाओं के लिए यह बहुत उपयोगी है -: शासन प्रणाली के सही क्रम में चलने के कारण तथा सभी मृतकों में प्राण तत्व को समाहित होने के कारण महिला को गर्भाशय संबंधी कोई बीमारी नहीं होती है |
4. भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा किया जा सकता है और गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन की आवश्यकता सबसे अधिक बढ़ने के कारण भस्त्रिका प्राणायाम बहुत लाभकारी है
5. रक्तचाप का सामान्य रखना भस्त्रिका प्राणायाम से रक्त का संचालन सामान्य गति से होता है क्योंकि हमारे शरीर में उपस्थित सभी उत्तर हमारे प्राण तत्वों में समाहित होते हैं भस्त्रिका प्राणायाम के माध्यम से इंटरकॉम में वृद्धि होती है इन ऊतकों से कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है सभी क्रिया संपूर्ण होने में रक्तचाप बढ़ जाता है इस कारण कम रक्तचाप वाले व्यक्ति का प्राणायाम अवश्य करना चाहिए |
6. ध्यान शक्ति को बढ़ाना -: Bhastrika Pranayama से ध्यान शक्ति को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि ध्यान शक्ति को बढ़ाने के लिए मानसिक स्तर का सामान्य होना निश्चित है जब तक हमारा मस्तिष्क स्वस्थ नहीं रहेगा हमारे ध्यान रखने की शक्ति भी संपूर्ण नहीं होगी लेकिन शक्ति का परिणाम से मस्तिष्क का स्वस्थ रहना सामान्य बात है , मस्तिष्क स्वस्थ रहने के कारण ध्यान शक्ति में भी एकाग्रता आती है
7. त्वचा का चमकदार होना -: शरीर में भस्त्रिका प्राणायाम के माध्यम से Oxygen का स्तर आवश्यकता से अधिक होता है तथा रक्त का संचालन उचित रूप से होने के कारण त्वचा पर भी चमक बनी रहती है ।
8. फेफड़ों में Carbon Dioxide के स्तर को कम करता है । भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल अधिक रहता है तथा मानसिक तनाव कम करता है ।
9. तंत्रिका तंत्र को संतुलित करता है ।
10. खुशनुमा वातावरण बनाने में सहायक होता है।
भस्त्रिका प्राणायाम करते समय रखी जाने वाली सावधानियां :-
1. नाक अच्छे से साफ कर ले |
2. भस्त्रिका प्राणायाम अपनी क्षमता के अनुसार करें |
3. हृदय harni आदि से संबंधित बीमारी वाले व्यक्ति को Bhastrika Pranayama धीमी गति से करना चाहिए |
4. प्राणायाम हमेशा खुली वह शुद्ध हवा जहां पर आप ho ऐसे स्थान पर ही करना चाहिए
5. भस्त्रिका प्राणायाम में सांस लेने और छोड़ने में समय बराबर रखा जाना चाहिए
6. इस प्राणायाम को करने के बाद कपालभाति अवश्य करना चाहिए |
7.. भस्त्रिका प्राणायाम करते समय चक्कर आना उल्टी आना आधी समस्या हो तो प्राणायाम को रोककर वही विश्राम करना चाहिए।
FAQ Related To How to do Bhastrika Pranayama and its benefits
How long can we do Bhastrika Pranayama?
(हम कितनी देर Bhastrika Pranayama कर सकते हैं?)
Experts की मानें तो हम Bhastrika Pranayama 6-7 Minutes तक कर सकतें हैं। इसमें हमें 4 सेकंड तक सांस को अंदर लेना होता है और 6 सेकेंड के अंदर अंदर हमें उस सांस को छोड़ ना होता है।
Can we Do Bhastrika Daily?
क्या हम Bhastrika रोज कर सकते हैं?
ज़ी हा हम Bhastrika रोज कर सकते हैं ऐसा सजेस्ट किया जाता है कि आप दिन प्रतिदिन इसमें इजाफा कर सकते हैं और यदि आप उसकी शुरुआत कर रहे हैं तो आपको तीन राउंड करने की सलाह दी जाती है।
Final words for How to do Bhastrika Pranayama and its Benefits
अपने जीवन को यदि एक बड़ी उद्देश्य की ओर ले जाना है तथा बौद्धिक शक्ति को बढ़ाकर अपनी दिन प्रतिदिन की क्रियाओं को व्यवस्थित रूप से पूर्ण करना हो तथा अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखकर जीवन का आनंद लेना हो तो प्राणायाम बहुत आवश्यक है जिसमें Bhastrika Pranayama म प्रत्येक व्यक्ति के लिए लाभदायक है।
हम आशा करते है कि आपको हमारा यह आर्टिक्ल ‘How to do Bhastrika Pranayama and its Benefits’ पसंद आया होगा । इस आर्टिक्ल को पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद।