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Chandragupta Maurya Biography in Hindi:-
Chandragupta Maurya एक ऐसा नाम जो भारतीय इतिहास में काफी ज्यादा महत्वता रखता है तो आज कैसा अधिकार के माध्यम से आज हम आप लोगों को यही बताने जा रहे हैं कि चंद्रगुप्त मौर्य के जीवन काल से हमें क्या चीजें सीखनी चाहिए । चंद्रगुप्त मौर्य एक बहुत ही सशक्त व्यक्ति और योद्धा थे जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि Alexander के वक्त में Alexander को हार मान कर वापस भारत से लौटा दिया था। आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य की गुरु शिष्य की जोड़ी ने। पिछले सीखते हैं वह 5 गुण जो प्रत्येक व्यक्ति को चंद्रगुप्त मौर्य के जीवन से लेने चाहिए और अपने जीवन में उतारने चाहिए।
Chandragupta Maurya Early Life ( Chandragupta Maurya का जीवन परिचय)
चंद्रगुप्त मौर्य के परिवार से जुड़ी बहुत सारी कहानी प्रचलित है पर कहीं भी हमारे इतिहास में उनके परिवार से जुड़ी सही जानकारी नहीं है ऐसा कहा जाता है कि उनके पिता के भाई उनसे और उनके भाइयों से जलते थे। वह उन्हें मारने की कोशिश में लगे रहते थे और इसी के चलते चंद्रगुप्त मौर्य के अन्य भाइयों को उन्होंने मार दिया था और वह किसी तरह से बच गए थे और मगध साम्राज्य में आने के पश्चात उनकी मुलाकात चाणक्य से हुई थी।
जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि चाणक्य एक बुद्धि कुशल व्यक्ति थे और एक ऐसे आचार्य थे जिन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य के व्यक्तित्व को पहचाना और उन्हें अपने साथ तक्षशिला विद्यालय में ले जाकर उन्हें शिक्षा दी उन्हें ना सिर्फ ज्ञानी बनाया बुद्धिमान बनाया बल्कि उसके साथ-साथ शूरवीर योद्धा भी बनाया और उन्हें युद्ध कौशल भी सिखाया।
Chandragupta Maurya death and religious beliefs ( Chandragupta Maurya की मृत्यु और धर्म की मान्यता)
50 वर्ष की उम्र में चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने बेटे बिंदुसार को राजपाट सब लाकर कर्नाटक की ओर प्रस्थान किया और वहां जाकर उन्होंने संथारा ध्यान किया जो कि बिना खाए पिए तब तक किया जाता है जब तक आपकी आत्मा आपका शरीर छोड़ ना दे और यही चंद्रगुप्त मौर्य के साथ भी हुआ उन्होंने तकरीबन 6 हफ्ते तक अन्य और जल ग्रहण किए बिना यह किया और अंत में उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।
What Lessons You can Learn from Chandragupta Maurya
Chandragupt Maurya के जीवन से हमें पांच lessons जो सीखने को मिलते हैं वह है।
1) चंद्रगुप्त मौर्य से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें आसानी से कभी भी कोई नहीं करना चाहिए हमें किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उससे पूछते रहना चाहिए चाहे हमें नाकामी कितनी बार भी हासिल क्यों ना हो एक ना एक दिन हम उस लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेते हैं।
2) हमें किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सबसे पहले प्लान बनाना बहुत जरूरी होता है।
3) किसी भी व्यक्ति के जीवन में गुरु की बहुत ज्यादा में अहमियत होती है चाहे वह एक महान का राजा ही क्यों ना हो।
4) हमें छोटी-छोटी जीत को भी उतनी ही महत्वता देनी चाहिए जितने हम बड़ी जीत को देते हैं ।
5) एकता में हमेशा बल होता है यदि आपको किसी बड़े लक्ष्य को प्राप्त करना है तो आप को एकता के साथ में लोगों को साथ में लेकर चलना होता है।
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FAQ
Who was the Father of Chandragupta Maurya ?( Chandragupta Maurya के पिता का नाम क्या था ?)
चंद्रगुप्त मौर्य राजा महापद्मनंद की दूसरी पत्नी के पुत्र थे जिनका नाम मोरा था।
Who was the wife of Chandragupta Maurya?( Chandragupta Maurya की पत्नी कौन थीं?)
चंद्रगुप्त मौर्य की दो पत्नियां थी दुर्धरा और हेलेना।
Where was Chandragupta Maurya born?( Chandragupta Maurya का जन्म कहां हुआ था?)
चंद्रगुप्त मौर्य का जन्म 340 ईसा पहले हुआ था।
Final Words
हम आशा करते हैं इस आर्टिकल से आप लोगों को चंद्रगुप्त मौर्य के जीवन से कुछ सीख मिली होगी और आप लोगों को यह आर्टिकल पसंद आया होगा अपना कीमती वक्त निकाल कर इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए धन्यवाद!