50 amazing Life Changing Stories : Gautam Budh aur kisan ki samasya Hindi Kahani

Gautam Budh aur kisan ki samasya Hindi Kahani : तो आज की कहानी के संग्रह में हम आप लोगों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक कहानी लेकर आए हैं आज के इस कहानी के माध्यम से हम आप लोगों को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि हमारे जीवन में बहुत सारी कठिनाइयों और समस्याएं आती हैं पर यदि हम उनका निवारण सही तरीके से करते हैं या फिर उनके बारे में सही तरीके से सोचते हैं तुम्हारे जीवन में बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं और इसी की वजह से हम जीवन में काफी आगे भी बढ़ सकते हैं तो चलिए बिना किसी देरी के हम कहानी की शुरुआत करते हैं।

Gautam Budh aur kisan ki samasya Hindi Kahani

Gautam Budh aur kisan ki samasya Hindi Kahani : हम सभी Gautam Budh के बारे में जानते हैं और गौतम बुद्ध की शांति के बारे में भी जानते हैं हम सब इस बारे में जानते हैं गौतम बुद्ध जो थे वह बहुत ही शांत चित्त के थे और उनमें में बहुत सारी ऐसी चीजें थी जो लोगों को साकर्तमकता की और लेके जाती है । आज तक लोगों का मन बदलता हुआ आ रहा है कहानी की शुरुवात होती है कि एक गांव में एक किसान रहा करता था और वह अपने जीवन से काफी परेशान था किसान की परेशानियों के कारण बहुत सारे थे

Gautam Budh aur kisan ki samasya Hindi Kahani : किसान को ऐसा लगता था कि कभी कभी उसकी खेती होती थी और कभी-कभी उसकी खेती नहीं होती थी और उसके पारिवारिक समस्याएं भी बहुत सारी चल रही थी कि बहुत ज्यादा परेशान रहने लगा और इसी की वजह से मैं बहुत ज्यादा बीमार भी रहता था वह हमेशा इसी सोच में रहता था कि सारी दुनिया जहान की भी समस्याएं उसी के साथ है और दुनिया के बाकी सारे लोग बहुत ज्यादा खुश है किसान के इस बात को बहुत ज्यादा लोग नहीं जानते थे और

इसी की वजह से किसान के आसपास के लोग बहुत ही ज्यादा समस्या देख कर परेशान थे किसान के एक मित्र ने एक बार किसान को यह राय दी कि क्यों ना वह गौतम बुद्ध से जाकर मिले वह Gautam Budh के बारे में चर्चा करने लगे और गौतम बुद्ध के बारे में बताते हुए उन्होंने किसान को बताया कि वह सारी समस्याओं का हल देने वाले व्यक्ति हैं उन्होंने जीवन में अपने मन को इस तरह से शान्त कर दिया है कि जीवन की कोई भी परेशानी हो उसका हल उनके पास है।

Gautam Budh aur kisan ki samasya Hindi Kahani


यह बात सुनकर आंखों में चमक आ गई और किसान ने फैसला किया कि मैं गौतम बुद्ध से मिलने जरूर जाएगा तो सारे काम छोड़ के गौतम बुद्ध से मिलने का फैसला किया और किसान गौतम बुद्ध से मिलने निकल पड़ा।जब वह Gautam Budh के सामने पहुंचा और Gautam Budh से उन्होंने आग्रह किया कि वह उसकी समस्याएं सुनी तो गौतम बुद्ध ने कुछ वक्त निकालकर किसान की बातें सुनी Gautam Budh से किसान ने अपने सारी व्यथा सुनाई की गौतम बुद्ध के पूछने पर कि तुम्हारी कष्ट क्या है

किसान ने जवाब दिया कि मेरे जीवन में बहुत सारे कष्ट हैं सबसे पहले तो किसान ने बताया कि मैं किसान हूं और मेरे खेत में कभी खेती होती है और कभी नहीं होती और मैं इस बात से बहुत ज्यादा परेशान हो जाता हूं ।


जिस बार खेती नहीं होती उसी के साथ साथ मेरी एक पत्नी है जिससे मैं बहुत ज्यादा प्रेम करता हूं और कभी-कभी मुझे परेशान करती है और इसी की वजह से मैं बहुत ज्यादा परेशान हूं क्योंकि मेरे सामने वह सारी परेशानियां मुझसे देखी नहीं जाती उसी के साथ साथ मेरा एक पुत्र भी है जो मुझे ऐसा लगता है कि मेरा पुत्र है या नहीं वह मुझे बहुत सारे चीज मांगता है और उसके जीवन यापन के लिए उसे बहुत सारी चीजें चाहिए होती है उसे नहीं दे पाता है इन चीजों को लेकर बहुत ज्यादा परेशान हूं ।


मेरे को धन का भी अभाव होता हैं कभी कबार मुझे बहुत ज्यादा परेशान करती है गौतम बुद्ध किसान को शांति से सुन रहे थे और उन्होंने किसान की बातों को सुनकर किसान की बातों पर ज्यादा कुछ ना कहते हुए उन्होंने शांत रहना ही लाजमी समझना किसान इंतजार कर रहा था कि अब गौतम बुध जवाब देंगे अब गौतम बुध जवाब देंगे पर गौतम बुद्ध के जवाब ना देने पर मैं उनसे बोला कि आप क्या मेरी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं या नहीं नहीं तो मैं यहां से चला जाता हूं किसान को जाते हुए

Gautam Budh aur kisan ki samasya Hindi Kahani

देख उन्होने किसान को उत्तर दिया कि मैं तुम्हारी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता बुद्ध की बात सुनकर रह गया और किसान कुछ समझ नहीं आया क्योंकि गौतम बुध के बारे में उसने बहुत ज्यादा चर्चे सुने थे और Gautam Budh इस प्रकार के व्यक्ति थे जिन्होंने अपने मन को संतुलित कर दिया था गौतम बुध के कथन सुनकर के साथ चला गया और वह गौतम बुद्ध से गुस्सा होने लगा गौतम बुद्ध से कहने लगा कि आप मेरी जब समस्या का समाधान नहीं निकाल सकते थे तो आपने मेरा इतना समय क्यों व्यर्थ किया और वह उठकर वहां से जाने लगा गौतम बुद्ध ने जो किसान को जाते हुए देखा

तो उन्होंने किसान से कहा कि मैं तुम्हारी इन समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता पर मैं तुम्हारी दूसरी समस्या का समाधान जरूर कर सकता हूं जिससे कहीं ना कहीं कोई समस्या नहीं है जो भी समस्याएं थी वह मैंने आपको बता दी तो यह है कि तुम्हें ऐसा लगता है तुम दुनिया के सबसे ज्यादा सताए हुए इंसान हैं ऐसा नहीं है कि अपने आसपास के लोगों को तो आंखें खोल कर देखो गे तो उनकी समस्याएं भी तुम्हारे से बढ़ी है

Gautam Budh aur kisan ki samasya Hindi Kahani

और शायद तुम्हारे से ज्यादा है उनकी बात सुनकर किसान ने उनकी बात सुनी और वहां पर उनके सामने बैठ गया गौतम बुद्ध ने फिर आगे कहा कि मनुष्य का जीवन इसी प्रकार भगवान ने बनाया है कि सुख और दुख दोनों ही इस जीवन का हिस्सा होते हैं और मनुष्य की गलत बात यह होती है कि हमें सुख तो अच्छे लगते हैं और हम दुख में जाते हैं और भगवान को कोसने लगते हैं अपनी जिंदगी को कोसने लगते हैं और सब चीजों को कोसने लगते हैं हम हमेशा यह सोचने लगते हैं कि दुनिया जहान के सारे कष्ट भगवान ने हमें ही दे दी है पर यह बिल्कुल असत्य है।


किसान को इस बात पर अपने ऊपर शर्म आई और उसने अपनी गलती मान ली और गौतम बुद्ध से कहा कि आप बिल्कुल सत्य कह रहे हैं यदि मैं किसी काम में मन लगाकर अपना काम करूं तो मुझे किसी चीज का ध्यान ही नहीं जाए और मुझे ऐसा प्रतीत ही नहीं होगा कि मैं बहुत ज्यादा बुरी अवस्था में हूं।

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इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे को भगवान ने जो भी दिया जितना भी दिया हमें उसमें ही संतुष्ट रहने की आदत डालनी चाहिए और यदि हमें उससे ज्यादा चाहिए तो हमें किसी से शिकायत करने की बजाय उसे पाने के लिए मेहनत करनी चाहिए क्योंकि यदि भगवान हमें बिना मेहनत के ही सब कुछ दे देंगे तो हमारे को उसकी कीमत नहीं रहती और इसी की वजह से इंसान बहुत ज्यादा मतलबी हो जाता है इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है

कि हमें अपने जीवन में अपनी समस्याओं की शिकायत किसी से नहीं करनी चाहिए अभी तो हमें उसको सही करने में उससे बाहर निकलने में अपने आप को झोंक देना चाहिए और ठंडे दिमाग और शांत चित्त से हमें यह सोचना चाहिए कि कैसे हम उन चीजों से बाहर आ सकते हैं।

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