PT Usha कौन है?, P.T. Usha का जीवन परिचय, पीटी उषा को प्राप्त पुरस्कार व सम्मान, PT Usha Biography in Hindi, पीटी उषा का परिवार, पीटी उषा का फ्री एथलेटिक्स स्कूल, पीटी उषा का ओलंपिक करियर, P.T. Usha को नरेंद्र मोदी द्वारा प्राप्त सम्मान, वर्तमान में क्या कर रही हैं P.T. Usha?
PT Usha Biography in Hindi: दोस्तों पीटी उषा जी को प्यार से “गोल्डन गर्ल” के साथ-साथ “पायोली एक्सप्रेस” के रूप में जाना जाता है। पी.टी. उषा भारत की सबसे सफल एथलीटों में से एक हैं। तत्परता के साथ पीटी उषा ने लगभग दो दशकों तक दौड़ते हुए ट्रैक पर राज किया है। अपने नाम के साथ कई प्रशंसाएं जोड़ दी हैं और दुनिया भर में हर लड़की के लिए प्रेरणा बन गई।
उषा जी ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में धमाल मचा दिया है और अपनी सुपरसोनिक गति से एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप में कुल 30 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और 13 स्वर्ण पदक जीते हैं। तो दोस्तों आज हम इस ब्लॉग P.T. Usha में आपको इस महान खिलाड़ी की सभी जानकारी देंगे और बताएंगे कैसे बनाई उन्होंने विश्व में अपनी अनोखी पहचान।
Table of Contents
Who is PT Usha and what is she currently doing? (कौन है पीटी उषा और वर्तमान में वह क्या कार्य कर रही हैं?)
दोस्तों पीटी उषा जी का पूरा नाम: पय्योली तेवरापरम्पिल उषा है। वह 57 वर्ष की उम्र में, अभी भी भारत के सबसे चर्चित ट्रैक और फील्ड एथलीटों में से एक है। यह महान एथलीट वर्षों से हमारी G.K पुस्तकों में रही है। जिनकी कहानियां और रिकार्ड्स को हम बचपन से सुनते व पढ़ते आ रहे हैं। यह न केवल भारत के लिए एक खजाना है बल्कि हम भारतीयों को हमेशा उन पर गर्व है।
लेकिन अब पीटी उषा जी एक कोच के रूप में, अन्य नए महत्वाकांक्षी एथलीटों को अपनी विरासत को संभालने और उज्ज्वल करने में मदद कर रही है। जैसा उन्होंने भारत की शान के लिए किया बिल्कुल वैसे ही वह नए खिलाड़ियों को तैयार करकर उन्हें वैसा बनाने में मदद कर रही हैं।
Popularly known as Payoli Express Name (पीटी उषा जी, पायोली एक्सप्रेस के नाम से हैं प्रसिद्ध)
P.T. Usha जी को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए 100 से अधिक पदकों के साथ, ट्रैक एंड फील्ड की रानी भी कहा जाता हैं। पीटी उषा दोस्तों उन तेज धावकों में आती हैं। जिन्होंने 1982 एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता बनकर देश का नाम रोशन कर दिया था। वह 2 दशक लंबे करियर के साथ भारत की सबसे प्रसिद्ध महिला एथलीटों में से एक हैं और लोग उन्हें प्यार से “पायोली एक्सप्रेस” भी कहते हैं।
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Birth of P.T. Usha and her family (पीटी उषा का जन्म व उनका परिवार)
दोस्तों पीटी उषा जी का संघर्ष और उपलब्धियां अद्वितीय हैं। उनका जन्म 27 जून 1964 को केरल के मेलाडी-पायोली में एक गरीब परिवार में हुआ था। गरीबी और पोषण की कमी के बावजूद, उषा जी ने खेलों में शुरुआती योग्यता दिखाई। उनकी प्रतिभा को देखते हुए, केरल सरकार ने उन्हें 250 रुपये की छात्रवृत्ति से सम्मानित किया। यह तब की बात है जब 250 रुपये की क़ीमत बहुत ज्यादा हुआ करती थी दोस्तों।
P.T. Usha’s education and her beginning to become a runner (पीटी उषा की शिक्षा व उनके धावक बनने की शुरुआत)
पीटी उषा जी को शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए कन्नूर के एक विशेष खेल विद्यालय में जाना पड़ा। दोस्तों उषा के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब 1976 में उनके कोच ओ. एम. नांबियार ने उन्हें नेशनल स्कूल गेम्स में देखा। उन्होंने उषा की महान क्षमता को महसूस किया और उन्हें आज की भारतीय लीजेंड बनने के लिए प्रशिक्षित किया।
Olympic career of PT Usha (पीटी उषा जी का ओलंपिक करियर)
पीटी उषा जी ने 1980 में मास्को, ओलंपिक में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। लेकिन निराशा तब हुई जब उन्होंने कांस्य पदक 0.01 सेकेंड से गंवा दिया। 1982 में नई दिल्ली में हुए 9वें एशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर उन्होंने अपनी असली ताकत साबित की।
1985 जकार्ता एशियन मीट में, पीटी उषा जी ने स्प्रिंट क्वीन का खिताब अर्जित किया क्योंकि उसने पांच स्वर्ण पदक (100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 400 मीटर बाधा दौड़ और 4×400 मीटर रिले में) और 100 मीटर रिले में कांस्य पदक जीता था। 1986 के सियोल एशियाई खेलों में, उषा ने चार स्वर्ण पदक और रजत पदक जीते। यहाँ से ही इस महान खिलाड़ी के अद्भूत प्रदर्शन ने एक नया इतिहास रच दिया जिससे भारतीयों को बेहद गर्व व नए खिलाड़ियों को प्रेरणा मिली।
Awards and Honors of P.T. Usha (पीटी उषा जी को प्राप्त पुरस्कार व सम्मान)
यहाँ P.T. Usha के कुछ मुख्य पुरस्कार व सम्मान के बारे में बताया गया है:
- 2000 में कन्नूर विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट (डी. लिट) प्रदान किया गया।
- 2017 में IIT कानपुर द्वारा मानद डॉक्टरेट प्रदान किया गया।
- 2018 में कालीकट विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट (D.Litt।) प्रदान किया गया।
- 2019 में IAAF वेटरन पिन
- 1985 में पद्म श्री
Personal life of PT Usha ji (पीटी उषा जी का व्यक्तिगत जीवन)
दोस्तों पीटी उषा जी ने 1991 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के एक निरीक्षक वी. श्रीनिवासन से शादी कर ली थी। उन्हें दो लड़को का आशीर्वाद मिला, जिनका नाम उज्ज्वल व विग्नेश है। 4 साल के अंतराल के बाद वह ट्रैक पर वापस आयी और हिरोशिमा एशियाड में उन्होंने रजत पदक जीतकर दुनिया को यह साबित कर दिया कि एक महिला कुछ भी कर सकती है।
पीटी उषा जी का शानदार करियर अपने लिए बोलता है। वह भारत की अब तक की सबसे बेहतरीन महिला एथलीट रही हैं। हम आम तौर पर ऐसे लोगों से नहीं मिलते जिन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ किया है और जो आपको कुछ बनने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इसलिए दोस्तों यदि आप भी अपने जीवन में कुछ करना चाहते हैं तो हार नहीं माने प्रयास करते रहें, आज नहीं तो कल..सफलता अवश्य मिलेगी।
Honor received by Narendra Modi to PT Usha ji (पीटी उषा जी को नरेंद्र मोदी द्वारा प्राप्त सम्मान)
भारत सरकार ने 6 जुलाई 2022 को मशहूर एथलीट पीटी उषा जी को राज्यसभा के लिए नामित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के जरिए उन्हें बधाई दी और खेलों में उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नए एथलीटों को सलाह देने का उनका काम भी उतना ही सराहनीय है।
P.T. Usha Ji’s Usha School of Athletics (पीटी उषा जी का उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स)
अपने करियर से सेवानिवृत्त होने के बाद, पीटी उषा जी ने पूरे देश की लड़कियों को प्रशिक्षण देने के लिए 2002 में केरल के कोइलैंडी में एक एथलेटिक्स स्कूल शुरू किया। यह स्कूल 10-12 आयु वर्ग के बच्चों की भर्ती करता है। उन्होंने देश के लिए ओलंपिक पदक दिलाने के उद्देश्य से इस स्कूल की शुरुआत की थी।
उषा जी का मानना है कि भारत प्रतिभा के मामले में नहीं बल्कि बुनियादी सुविधाओं के मामले में पीछे है। उनका स्कूल एथलीटों को मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान करता है। उन्हें खाने और रहने की भी मुफ्त सुविधा है। यह एक ऐसा ऐसा संगठन है जो उन युवा प्रतिभाओं का समर्थन करता है।
Always support of P.T. Usha to new athletes (नए एथलीटों को हमेशा पीटी उषा जी का समर्थन)
दोस्तों उन्हें हमेशा नए एथलीटों का समर्थन करते देखा जाता है और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय एथलीटों के सामने आने वाले मुद्दों के बारे में खुलकर बात की है। भारतीय खेल प्रणाली के लिए वह जितनी जिम्मेदारी महसूस करती हैं, वह महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय दोनों है। पीटी उषा जी हमेशा ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर भारतीय एथलीटों को प्रोत्साहित करती नजर आती हैं। जिससे पता चलता है वह एक सच्ची और ईमानदार प्रेरणादायक हैं।
FAQs
Why is PT Usha ji famous as Payoli Express? (पीटी उषा जी, पायोली एक्सप्रेस नाम से क्यों प्रसिद्ध हैं?)
भारत की सबसे प्रसिद्ध महिला एथलीटों में से एक होने के कारण लोग उन्हें प्यार से “पायोली एक्सप्रेस” भी कहते हैं।
What is the name of the book of PT Usha? (पीटी उषा की किताब का नाम क्या है?)
पीटी उषा की किताब का नाम Golden Girl: The Autobiography of P.T. Usha है।
What are the names of PT Usha’s children? (पीटी उषा के बच्चों के नाम क्या हैं?)
पीटी उषा के दो लड़के हैं। जिनका नाम उज्ज्वल व विग्नेश है।
How much scholarship was given by the Kerala government to PT Usha in the beginning? (पीटी उषा को शुरुआत में केरल सरकार ने कितने रुपये की स्कॉलरशिप दी?)
उषा जी ने खेलों में शुरुआती योग्यता दिखाई। उनकी प्रतिभा को देखते हुए, केरल सरकार ने उन्हें 250 रुपये की छात्रवृत्ति से सम्मानित किया था।
When did PT Usha start her school? (पीटी उषा जी ने अपना स्कूल कब शुरू किया?)
अपने करियर से सेवानिवृत्त होने के बाद, पीटी उषा जी ने पूरे देश की लड़कियों को प्रशिक्षण देने के लिए 2002 में केरल के कोइलैंडी में एक एथलेटिक्स स्कूल शुरू किया। यह स्कूल 10-12 आयु वर्ग के बच्चों की भर्ती करता है।
Final Words
हम उम्मीद करते हैं हमारे इस ब्लॉग के माध्यम से आपको P.T. Usha Ji की सभी जानकारी मिल गई होगी। लेकिन इस ब्लॉग के माध्यम से हम किसी प्रकार का समर्थन व प्रचार नहीं कर रहे। यह केवल जानकारी देने के लिए हमारे द्वारा लिखा गया है।
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