Prithviraj Chauhan History in Hindi : जब भी भारतीय इतिहास की बात आती है तो एक नाम हमारे रोंगटे खड़े कर देता है और वह नाम है पृथ्वीराज चौहान नाम की चर्चा करते हैं तो हमारे रोंगटे खड़े होते हैं क्योंकि यह एक अविस्मरणीय नाम है ऐसा कहा जाता है कि चौहान वंश में जन्म में पृथ्वीराज । एक ऐसे शासक थे जिन्होंने अपनी वीरता के दम पर पूरी दुनिया में अपना परचम लहराया था और उन्होंने ना सिर्फ अपनी राज्य की सीमाओं को फैलाया बल्कि अपने राजनीतिक कौशल के दम पर दूसरे राज्यों के राजा और शासकों को भी धूल चटाई थी
वह कैसे निडर और सच्चे राजा थे जिनसे लोग डरा करते थे वह बचपन से ही युद्ध में कुशल थे और उन्होंने अपने युद्ध कौशल की वजह से अपने बाल्यकाल से ही लोगों के मन में जगह बनाई थी।
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Prithviraj Chauhan Biography in Hindi
Prithviraj Chauhan से जुड़े बहुत ज्यादा ऐसे दिलचस्प उतरते हैं जिनके बारे में लोग बहुत कम ही जानते हैं चौहान वंश के इन वंशज ने बहुत नाम तो कमाया हित आपने वीरता के दम पर क्या आप पर आप जानते हैं कि इन से जुड़े कुछ ऐसे दिलचस्प तथ्य भी हैं जिनके बारे में शायद ही हमारे देश के लोग जानते हैं जानते हैं कि इनके जीवन से जुड़े हुए कौन से ऐसे तथ्य हैं जिनके बारे में हमें जानना चाहिए और इनसे हमें सीखना चाहिए।
1) Prithviraj Chauhan की सेना तकरीबन तीन लाख सैनिकों से बनी थी और जिसमें 300 हाथी थे ऐसा कहा जाता है कि वह 3 लाख सैनिक 30 लाख सैनिकों पर भारी थे क्योंकि उन्हें जिस तरह से संगठित किया जाता था वह किसी भारी-भरकम सेना को धूल चटाने में सक्षम थी उनके पास में कुशल घुड़सवार थे और उनकी वीरता तो उसमें थी ही।
2) Prithviraj Chauhan और उनकी अर्धांगिनी संयोगिता की कहानी बिफोर दिलचस्पी जब इतिहास के पन्नों में प्रेम प्रसंग ओके बाद चलती है तो इस एक कहानी का भी जिक्र हमेशा होता है ऐसा कहा जाता है कि यह इतिहास की उंर अविस्मरणीय कहानियों में से एक है जिसमें केवल चित्र देख कर वह एक दूसरे पर मोहित हो बैठे थे। और जब संयोगिता का स्वयंवर रचा गया तो पृथ्वीराज चौहान को नीचे दिखा नीचा दिखाने के लिए उनका पुतला द्वारपाल की जगह रखा गया और वह इसी चीज से नाखुश थे और उन्होंने भरी सभा में संयोगिता का अपहरण कर लिया था और वह उन्हें अपनी रियासत में ले आए और उसके बाद में उन्होंने उनसे विवाह रचाया।
3) Prithviraj Chauhanऔर मोहम्मद गौरी के बीच में तराइन का युद्ध परिणाम ही था ऐसा कहा जाता है कि इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान ने लगभग 7 करोड रुपए की संपदा अर्जित की थी और उन्होंने अपनी संपदा को सैनिकों में बांट दिया।
4) जैसा कि हमने बताया कि Prithviraj Chauhan ने संयोगिता का अपहरण किया था जिससे कि उनके पिता जयचंद्र बिल्कुल भी खुश नहीं थे उसके बाद उन्होंने दूसरे राजपूत राजाओं को भी Prithviraj Chauhan के खिलाफ भड़काना शुरू किया और इसी कारण वश उन्हें मोहोमद गौरी से दूसरा युद्ध हारना पड़ा।
5) Prithviraj Chauhan की मृत्यु की बात करें तो उनकी मृत्यु मोहम्मद गौरी के द्वारा बंदी बनाए जाने के बाद हुई मोहम्मद गौरी ने अपनी जीत के बाद Prithviraj Chauhan को बंदी बना लिया था और उन्हें यातनाएं दी गई ।
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FAQ
Prithviraj Chauhan was the king of which state?
पृथ्वीराज चौहान क्षत्रिय राजा थे और ऐसा कहा जाता है कि उनका साम्राज्य एक बड़े साम्राज्य के रूप में जाना जाता था यह राज्य उत्तरी अजमेर और दिल्ली में स्थित था और वह इस ही राज्य को संभालते थे और इसी पर उनका शासन था ।
When and where prithviraj chauhan born ?
मीडियम बात करनी पृथ्वीराज चौहान के जन्म की तो पृथ्वीराज चौहान का जन्म सन 1166 में गुजरात में हुआ था।
( पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद संयोगिता का क्या हुआ?)
ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वीराज की मृत्यु की खबर जब संयोगिता को लगी तो उन्होंने लाल किले में आग के कुंड में कूद कर जोहर कर लिया था।
Final Words
हम आशा करते हैं कि आप लोगों को यह आर्टिकल पसंद आया होगा अपना कीमती वक्त निकालकर इसे पढ़ने के लिए धन्यवाद!