जब भी आजादी या Freedom Fighters Of India की बात होती है तो रोंगटे से खड़े हो जाते हैं। क्योंकि हमने जो कुछ भी जन्म से अभी तक महसूस किया वह सब हमारे Freedom Fighters Of India की ही देन है ।आजादी से घूमना ,आजादी से बोलना, आजादी से काम करना, आजादी से पहनना और आजादी से जीना। जो कुछ भी आज हम कर पा रहे हैं तो यह हमारे पूर्वजों में से कुछ एक चुनिंदा लोगों की ही देन है जिन्होंने अपने जीवन को उस वक्त दांव पर लगा दिया और शायद इसी वजह से आज हम बेखौफ होकर से उठाकर आसानी से आराम से जी पा रहे हैं।
तो आज के इस Article के माध्यम से हम उन्हीं लोगों को tribute देने का प्रयास कर रहे हैं । जिन्होंने अपने हर एक खून का कतरा अपनी भारत माता पर न्योछावर कर दियाऔर कुछ एक आजादी के लिए लड़ने वाले freedom fighters तो ऐसे थे जो मौत को सामने खड़े देख कर भी मुस्कुरा रहे थे और आंखों के सामने फांसी के फंदे को देखते हुए भी मुस्कुराहट के साथ भारत माता की जय कहते हुए शहीद हो गए।
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History Of Independence Of India
ऐसा कहा जाता है कि आजादी की पहली लड़ाई 10 मई 1857 को मेरठ से शुरू हुई थी और यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि वह एक चिंगारी की तरह थी जिसकी वजह से आज हम शायद आ जा घूम रहे हैं और हम आजादी को महसूस कर रहे हैं 18 सो 57 में मंगल पांडे ने आजादी के संग्राम को छेड़ा था और आंदोलन किया था इस आंदोलन में बहुत सारे हमारे देश के वीर जवानों ने अपनी जान गवाई थी और इसी संग्राम को स्वाधीनता संग्राम के नाम से भी जाना जाता है ।
विद्रोह की वजह ड्रेस कोड कारतूस का छिलका बना था और उस एक संग्राम में पूरे देश के लोगों के ह्रदय में स्वाधीनता और आजादी की आग को प्रज्वलित किया था और उसी के साथ साथ आजादी संग्राम शुरू हुआ था ।
जिसने बाद में चलकर बहुत बड़ा रूप लिया था। उसी के तकरीबन 70 से 80 साल बाद हमारे आजादी की लड़ाई का मोर्चा संभाला था हमारे देश के नेताओं ने । 27 फरवरी को इलाहबाद में अंग्रेजों की गिरफ्तारी से बचने के लिए हमारे ही देश के सपूत ने अपने आप को गोली मार दी थी जिनका नाम था चन्द्र शेखर आजाद । इतिहास के पन्नों में सबसे काला दिन माना जाता है वह दिन देश के वीरों को फांसी दी गई जिनका नाम शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ।
सबसे गर्व की बात तो यह थी कि अपनी मौत को सामने देखते हुए भी फांसी के फंदे को सामने देखते हुए भी वे लोग मेरा रंग दे बसंती चोला गाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए और शहीद हो गए और आज भी इसीलिए उन्हें गर्व से याद किया जाता है। June 1920 मैं खिलाफत आंदोलन हुआ और हमारे देश के किसानों ने इसमें योगदान दिया और उसके बाद की कहानी हम सबको पता ही है की आजादी की लड़ाई में हम और हमारे पूर्वजों ने क्या क्या देखा और जिसके चलते आज हैं आजाद देश के तौर पर पूरे विश्व भर में अपनी परचम को लहरा रहे हैं।
Top 8 Fearless Freedom Fighters Of India
1) Tantia Tope (तातिया टोपे)
2) Nana Saheb (नाना साहेब)
3) Bhagat Singh (भगत सिंह)
4) Sukhdev (सुखदेव)
5) Rani Laxmi Bai ( रानी लक्ष्मी बाई)
6) Rajguru (राजगुरु )
7) Mangal Pandey ( मंगल पांडेय)
8) Sardar Vallabhbhai Patel (सरदार वल्लभ भाई पटेल)
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FAQ Related To Top 5 Fearless Freedom Fighters Of India in Hindi
Is Dr. Br Ambedkar a freedom fighter? (क्या Dr. Br Ambedkar freedom fighter हैं?)
जी हां Dr Br Ambedkar ने भी हमारे आजाद होने के बाद और आजादी में बहुत बड़ा योगदान दिया है दरअसल उन्होंने हमारे constitution को लिखने में बहुत बड़ा योगदान दिया है और वह drafting committee के head भी रहे हैं।
Who is the most famous freedom fighter?(सबसे ज्यादा famous freedom fighter कौन कौन है?)
जब भी आजादी की लड़ाई की बात होती है तो कुछ नाम बहुत गर्व से लिए जाते हैं और वह नाम है भगत सिंह सुखदेव राजगुरु ,मंगल पांडे और रानी लक्ष्मीबाई और यह लिस्ट बहुत लंबी है हर एक व्यक्ति जिन्होंने हमें आजादी दिलाई में उतने ही महत्वपूर्ण है जितने कि यह सब लोग।
What are 10 names of female freedom fighters? (10 female freedom fighters कौन कौन थीं ?)
हमारी आजादी में महिलाओं का भी उतना ही योगदान रहा है जितना कि हमारे मर्दों का रहा है और इसी के चलते यदि हम बात करें female freedom fighters की तो उनके नाम सूचियों हैं मातंगिनी हजरा, कनकलाता बरूआ ,अरूणा आसफ अली ,बीकाजी कामा, तारा रानी श्रीवास्तव, मूल मती, लक्ष्मी सिंघल ,कमलादेवी चट्टोपाध्याय, सुचेता कृपलानी, कित्तूर रानी चेन्नम्मा।
Final Words For Top 8 Fearless Freedom Fighters Of India in Hindi
इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम लोगों ने आपको उन 8 Fearless Freedom Fighters Of India in Hindi के बारे में बताया जिनकी वजह से हमारे देश को आजादी मिली और जिनका योगदान बहुत ज्यादा था और जिनकी निडरता की वजह से आज हम लोग शायद आजादी को महसूस कर पा रहे हैं उसे जी पा रहे हैं। इस आर्टिकल में आज हम लोगों ने उन 10 महिलाओं के बारे में भी बताया जिन्होंने आजादी की लड़ाई में साथ दिया था ।
इस आर्टिकल की मदद से आज हमने इतिहास भी बताया कि आजादी की लड़ाई कब कहां शुरू हुई और उसे अंजाम तक कैसे ले जाया गया हम आशा करते हैं कि आप लोगों को यह आर्टिकल पसंद आया होगा अपना कीमती वक्त निकालकर इसे पढ़ने के लिए धन्यवाद।