Hariyali teej 2022, Hariyali Amavasya 2022 mein kab Hai (हरिताली तीज 2022 या हरियाली अमावस्या 2022 में कब है)
आई सवानिया री Teej ऐसे ही कुछ गीत आपको सावन के वक्त में सुनने को मिल जाते हैं। Teej Festival एक ऐसा त्योहार है जो सावन के महीने में आता है । जैसे ही सावन के झूले डलते हैं और सावन का मौसम आता ही त्योहारों की बात ही कुछ और हो जाती है। सावन के इस महीने में अक्सर लोग हर्षोल्लासित से हो जाते हैं क्योंकि उस वक्त में ना सिर्फ मौसम ही अच्छा हो रहा होता है।
बल्कि हवा में भी एक तरह की अच्छी उमंग से बह रही होती है सावन के महीने में गांव में झूला डाला करते हैं और बच्चे इस तरीके से खुश होकर खेल रहे होते हैं कि मानो उन्हें दुनिया की सारी खुशियां मिल गईं हों।तो आज इस Article की मदद से हम यह जानेंगे कि Teej का त्यौहार हम क्यों मनाते हैं ।इसके महत्व क्या है और इस त्यौहार के मनाने के क्या-क्या तौर तरीके हैं ।
हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि Teej के त्यौहार किस-किस राज्य में किस-किस तरीके से मनाया जाता है । हम यह भी जानेंगे कि Teej के वक्त में किस देवी की पूजा की जाती है । वैसे तो यह त्यौहार बहुत अलग-अलग तौर-तरीकों से मनाया जाता है । पर हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे आज की किस किस प्रकार की Teej Festival हमारे देश में मनाई जाती है ।
उन सारे प्रकार के Teej Festival के मायने क्या है। और आपको आज हम इस बात से भी अवगत कराएंगे कि ऐसे और कौन से देश है जहां पर Teej का इस पावन पर्व को मनाया जाता है।तो आइए जानते हैं की हमारे भारतीय परंपरा के अनुसार Teej महोत्सव की इतनी महत्वता क्यों है और कैसे हमें इसे मनाते हैं।
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What is the Significance Of Teej Festival ( तीज का महत्त्व क्या है ?)
Teej एक ऐसा सावन का त्यौहार है जिसे विवाहित महिलाएं मनाया करती हैं वैसे तो इस त्यौहार को बहुत ही जोरों शोरों से मनाया जाता है इस त्यौहार में सावन के गीत गाए जाते हैं उस गीतों पर फिर का जाता है और लाल बंधेज या फिर लाल साड़ियों को पहना जाता है और हाथों में हिना मेहंदी लगाई जाती है त्योहार का महत्व बहुत ही ज्यादा है हमारे हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार।
वैसे तो इस त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है ताकि हम सावन में हमारे प्रकृति की देन को धन्यवाद कर सके।इस तीज के त्यौहार का महत्व यह भी है कि इसके जरिए हम सावन का स्वागत भी करते हैं ।जैसा कि हमने पहले ही बताया कि इस त्यौहार से पहले विवाहित महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाया करती हैं।
सावन के गीत गाया करती हैं और इस त्यौहार को माता पार्वती को समर्पित किया जाता है। इसके पीछे भी एक बहुत दिलचस्प कहानी है।ऐसा कहा जाता है की माता पार्वती ने पूरे 108 बार जन्म और मृत्यु के चक्र को पार किया था ।तब जाकर भगवान शिव उनसे शादी करने के लिए राजी हुए थे शायद इसीलिए इस चीज का उत्सव मनाने के लिए तीज का महा पर्व मनाया जाता है।
इस त्यौहार के दिन हम इस बात की महत्वता को भी जानते हैं कि यदि हम किसी रिश्ते की बागडोर को जोड़ते हैं। तो हमें उसे निभाने के लिए भी उतने ही प्रयत्न करना बहुत जरूरी हैं। Teej Festival के इस त्यौहार का महत्व इसीलिए भी बहुत बढ़ जाता है क्योंकि जैसा कि हमने आपको बताया भगवान शिव और माता पार्वती की कहानी के बारे में ।
ऐसा कहा जाता है कि सावन का महीना शिव भगवान का महीना हुआ करता है । इसी महीने में भगवान शिव की आराधना करने वाले को अपार सफलता और मन मांगा वरदान प्राप्त होता है। Teej के इस त्यौहार को हिंदू Calendar के हिसाब से भाद्रपद के महीने में मनाया जाता है।हमारे देश के विभिन्न राज्यों में Teej Festival के त्यौहार को बहुत ही जोरों शोरों से मनाया जाता है।
चाहे वह किसी भी रुप में किसी भी तरह से मनाए पर पूरे देश में इसका महत्व उतना ही होता है ।जितना कि राजस्थान और पंजाब की Hariyali Teej Festival का हो या फिर Kajari Teej Festival का जिसे उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। कुछ जगह पर Hartalika Teej Festival भी मनाई जाती है जो कि हमारे दक्षिण भारत में कुछ जगहों पर मनाई जाती है ।
जैसा की हम जानते हैं कि हर जगह के रीति-रिवाज और तौर तरीके अलग हुआ करते हैं। पर एक चीज जो इस देश को बहुत ही खूबसूरत बनाया करती है वह है कि चाहे किसी भी रीति-रिवाज से हमारा कोई भी त्यौहार मनाया जाए पर उसकी महत्वता पूरे देश में हर मायने में एक ही रहती है । हम हर कोने में इस देश के उस ही Energy के साथ हर त्यौहार को मनाया करते हैं।
वैसे ही Teej का यह त्यौहार भी बहुत महत्व रखता है हमारे हिंदू रीति-रिवाजों के हिसाब से।
What Should we do on Teej Festival ? ( तीज पर हमे क्या करना चाहिए ? )
वैसे तो हर राज्य में ऐसे अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है और हर राज्यों में अलग-अलग रीति-रिवाजों से के हिसाब से तीज के महोत्सव में चीजें की जाती है। हिन्दू रीति-रिवाजों के हिसाब से Teej Festival के दिन विवाहित महिलाएं पूरी रात व्रत किया करते हैं और माता पार्वती की पूजा किया करती हैं गीत भी गाया जाते हैं।
चारों ओर हर्ष उल्लास का माहौल हुआ करता है पूरी रात यह करने के बाद अगले दिन विवाहित महिलाएं शुद्धि स्नान किया करती हैं पूजा के लिए तैयार होने के लिए । Teej Festival के त्यौहार के दिन विवाहित महिलाएं लाल साड़ी पहना करती हैं और माता पार्वती को भी लाल वस्त्र पहनाया करती हैं और उन्हें श्रृंगार , गहने आदि पहनाया करती हैं।
जिस रात को विवाहित महिलाएं गीत गाया करती हैं उसी रात को वह अपने हाथों को मेहंदी से सजाया करती हैं और उसी रात तीज के भजनों को और गीतों को गाया करतीं हैं। Teej का यह त्यौहार 3 दिन लंबा चलता है और यह खुशी और उल्लास का विवाहित जीवन में सिंबल है। जैसा कि हम सब लोग जानते हैं
हमारे हिंदू धर्म में सिंदूर को चूड़ियों को, नाक की नथ ,को माथे के टीके को एक विवाहि त महिला के लिए सुहाग की निशानी मानी गई है इसीलिए तीज के इस पावन पर्व पर रंग बिरंगी चूड़ियां पहना करती हैं । मांग में गहरा सिंदूर लगाया करतीं हैं । अपने आप को पूर्ण तरीके से अपने आराध्य के प्रति समर्पित किया करती हैं।
इस त्यौहार पर महिलाएं Teej Festival Katha भी सुना करती हैं। इस कथा में वह अपने पति की लंबी उम्र और उनकी विवाहित जीवन के लिए शुभकामनाएं मांगी करती हैं ।रयह कहानी की शुरुआत हुआ करती है भगवान के चरणों में फूल समर्पित करके। उसके बाद में Teej माता को भोग समर्पित किया जाता है। दीपक जलाए जाते हैं और अंत में व्रत तोड़ा जाता है।
बहुत जगह यह भी मान्यता है कि इस त्यौहार पर झूले डाला जाते हैं। उन झूलों पर कुछ वक्त के लिए ही सही पर रीति-रिवाजों के चलन के अनुसार झूलना जरूरी होता है। तो यही सारी चीज है जो इस त्यौहार पर ध्यान रखनी चाहिए और करनी चाहिए जो इस त्यौहार को और भी ज्यादा महत्वपूर्ण और हर्षोल्लासित करने वाला त्यौहार बनाता है।
Types Of Teej Festival ( तीज कौन कौन से प्रकार की होती है ? )
जैसे कि हमने ऊपर भी इस बात की चर्चा की थी कि हमारे देश में विभिन्न राज्यों में तीन अलग-अलग नाम से और अलग-अलग तौर तरीकों से मनाई जाती है वैसे तो इस त्यौहार को मनाने के पीछे का कारण एक ही होता है पर हर जगह रीति रिवाज बदल जाते हैं तो चलिए जानते हैं कि किस राज्य में तीज को किस नाम से जाना जाता है और उस राज्य में उसे कैसे मनाया जाता है।
बीच तीन प्रकार की होती हैं या यूं कहिए कि इन्हें अलग-अलग राज्यों में 3 नामों से जाना जाता है पहली Hariyali Teej दूसरी Kajari Teej Festival तीसरी Hartalika Teej Festival .
Hariyali Teej Festival (हरियाली तीज)
Hariyali Teej Festival श्रावण के शुक्ल पक्ष में अगस्त के महीने में मनाई जाती है। हरियाली तीज को Teejen भी कहा जाता है और इस दिन महिलाएं चांद की पूजा किया करते हैं जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह तीज का पर्व हरियाली को दर्शाता है तो उस दिन महिलाएं हरे रंग की साड़ियां और हरे रंग की चूड़ियां पहन कर इस उत्सव को मनाया करती हैं ।
उसी दिन तीज के गीत गायक करते हैं और उस पर थिरकते हैं। हरियाली तीज का यह पर्व हरियाणा ,राजस्थान ,उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश ,गुजरात ,छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में मनाया जाता है।
Kajari Teej Festival (कजरी तीज)
Kajari Teej Festival श्रावण महीने के तीसरे दिन कृष्ण पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इस त्यौहार से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है की इस त्यौहार की पहचान काले बादलों से की जाती है इस पर हार पर नीम के पेड़ की पूजा की जाती है और उसी पर ही सा रीति-रिवाजों के साथ उस पूजा को संपन्न किया जाता है कजरी के गीत गाए जाते हैं जिसमें श्री कृष्ण भगवान के बारे में कथन हुआ करता है और उनकी प्रशंसा की जाती है।
Kajari Teej Festival महोत्सव उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है।
Hartalika Teej Festival ( हरतालिका तीज )
हरतालिका तीज का पर्व भद्रा के महीने में मनाया जाता है इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखा करती हैं। जिसमें वह पानी भी नहीं पिया करते। जैसा कि हमने ऊपर भी बताया है की इस पर्व पर महिलाएं माता पार्वती जी की पूजा किया करती हैं अपने पति की लंबी उम्र के लिए । हरतालिका तीज भी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में मनाई जाती है।
तमिलनाडु ,आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इसे Gowri Habba के नाम से मनाया जाता है।
How is Teej Festival Celebrated At Home? ( तीज घर पर कैसे मनाई जाती है ? )
जैसा की हम सब जानते ही हैं की लॉकडाउन के चलते मंदिरों में जाना संभव नहीं हो पा रहा। यह सुरक्षा के महीनों से सही भी नहीं है तो हम आज इस आर्टिकल के मदद से यह जानेंगे कि Lockdown के चलते Teej को घर पर कैसे बनाया जा सकता है।
सबसे पहले तो महिलाओं को सुबह जल्दी उठना होता है और उठकर स्नान कर कर लाल साड़ी पहनकर श्रृंगार करें। उसके बाद पूजा के स्थान पर गंगाजल छिडके। पूजा के स्थान पर लाल रंग का नया कपड़ा बिछाया उस कपड़े के ऊपर माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति को स्थापित करें उसके बाद एक कलश ले उसमें पानी उसे मोली से बांध दें ।
उस पर हल्दी या कुमकुम से साथिया बना दे उस कलश के ऊपर नारियल को रखें और माता पार्वती और भगवान शिव के मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और चंदन से उन दोनों का तिलक करें और अगरबत्ती भी आप जला सकते हैं और यह सब करने के बाद आप Teej Katha सुनें ।इस प्रकार आप Teej Festival के इस त्योहार को घर पर ही मना सकते हैं और आप मंदिर में ना जाने की वजह से पूजा से वंचित नहीं रहेंगे ।
Teej Festival के इस त्योहार पर लोग बहुत सारे पकवान भी बनाया करते हैं और भगवान शिव को और माता पार्वती को उनका भोग लगाया करते हैं। जैसा कि हमने ऊपर भी बताया है कि रात में Teej Festival के गीत गाया करते हैं । हाथों में महिलाएं मेहंदी लगाया करती हैं ।तो यही सारे तरीकों से आप तीज के इस त्यौहार को घर पर ही बिना किसी डर के मना सकते हैं।
What is the Importance Of Mehndi On Teej Festival? ( तीज पर मेहंदी का क्या महत्त्व होता है ? )
बहुत लोग इस बारे में बहुत सही तथ्य दिया करते हैं कुछ लोगों का कहना है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए माता पार्वती ने श्रृंगार के रूप में मेहंदी को लगाया था और उसी की मदद से उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न किया था इसीलिए ऐसा माना जाता है कि तीज के पर्व पर या किसी और पर्व पर विवाहित महिलाओं को मेहंदी जरूर लगानी चाहिए क्योंकि मेहंदी सोलह श्रृंगार का भी हिस्सा होती है।
ऐसा कहा भी जाता है कि जितना गहरा मेहंदी का रंग हुआ करता है उतना ही गहरा संबंध हुआ करता है वैवाहिक जीवन में उनके सुख और समृद्धि रहा करती है तो इसीलिए मेहंदी का महत्व बहुत बढ़ जाता है । चाहे तीज हो या कोई और पर्व उस पर मेहंदी विवाहित महिलाओं द्वारा इसीलिए ही लगाई जाती है । वह मेहंदी को श्रृंगार के रूप में किया करतीं हैं।
Which Goddess is Worshipped on Teej Festival and why ( तीज पर किस देवी की पूजा की जाती है और क्यूं ? )
माता पार्वती जिन्हें हम Teej माता के नाम से भी जानते हैं उनकी इस पावन पर्व पर पूजा की जाती है। जैसा कि हम ऊपर भी चर्चा कर चुके हैं की माता पार्वती की पूजा की जाती है। क्योंकि Teej Festival एक ऐसा पर्व है जो विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है । इस दिन माता पार्वती की पूजा इसलिए की जाती है ।
क्योंकि माता पार्वती ने 108 जन्म और मृत्यु के चक्र को पूरा कर भगवान शिव को उनसे विवाह करने के लिए मनाया था।माता पार्वती को आदिशक्ति के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि हम लोग जानते हैं कि माता पार्वती एक ऐसी देवी हैं जिनके अनेकों रूप हैं और वह शक्तियों से अपार है ।
उससे भी ज्यादा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि माता पार्वती का भगवान शिव के प्रति जो प्रेम है वह किसी भी जिससे उसकी तुलना नहीं की जा सकती। इसीलिए तीज के इस पावन पर्व पर माता पार्वती को पूजा जाता है ताकि उनके जैसे वह महिलाएं अपने पति के प्रति प्रेम भावना रख सकें। अपने पति की लंबी उम्र कामना के लिए महिलाएं व्रत किया करतीं है इन्ही कारण की वजह से माता पार्वती को Teej के इस त्यौहार पर पूजा जाता है।
In Which Other Country Teej is Celebrated ? ( तीज और किस देश में मनाई जाती है ? )
बहुत सारे लोगों को इस बात का नहीं पता कि तीज एक ऐसा त्योहार है जो कि ना केवल सिर्फ हमारे भारत देश में मनाया जाता है बल्कि हमारे पड़ोसी देश नेपाल में भी उतनी श्रद्धा और जोरों शोरों के साथ में मनाया जाता है। Nepal में भी Hartalika Teej बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है । यह नेपाली भद्रा महीने में मनाई जाती है ।
जो की अक्सर अगस्त से सितंबर के बीच में हुआ करती है। तीज के इस महोत्सव में नेपाल की महिलाएं व्रत किया करती हैं और वह पूरे दिन कुछ ना तो खाया करती हैं ना ही पानी पिया करती हैं । Teej के इस त्यौहार के दिन महिलाएं लाल रंग के वस्त्र पहना करती हैं और नेपाल के अंदर वह रंग-बिरंगे परिधान पहनती हैं ।
इस दिन बड़ी धूमधाम से गीत संगीत के साथ पूजा किया करते हैं और दीपक की मदद से देवी की पूजा करती हैं । इस दिन विवाहित महिलाएं भगवान शिव की भक्ति में व्रत किया करती है और जैसे हमारे भारत देश में अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखा जाता है वैसे ही नेपाल में भी यह व्रत इसीलिए किया जाता है और वही सारी रीति-रिवाजों के साथ Nepal में भी यह Teej का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर जो की बागमती नदी के किनारे स्थित है । वह Nepal का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर कहलाता है । यहां पर ही अक्सर तीज के दिन महिलाएं पूजा किया करते हैं और अपने आप को खुश रखने की कोशिश करती हैं । ताकि भगवान शिव की कृपा उन पर बने जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि Nepal में यह पर्व 3 दिन मनाया जाता है ।
पहले दिन सब इकट्ठा होकर गीत गाया करते हैं और एक दूसरे के लिए खाना बनाया करते हैं । इकट्ठा होकर सब मिलकर वह खाना खाया करते हैं ।दूसरे दिन सब स्त्रियों का व्रत हुआ करता है और भगवान शिव की पूजा किया करतीं हैं। तीसरे दिन जिसे वहां पर ऋषि पंचमी के नाम से जाना जाता है वहां पर 7 संतों की पूजा की जाती है जिस के चलते नेपाली स्त्रियां लाल मिट्टी से नहाया करती हैं नदी में ।
ऐसा कहा जाता है कि यह सारे पाप धो देता है और उनके जीवन में सुख समृद्धि लाता है । इसके बाद वह बहुत से व्यंजन के साथ इस दिन को मनाया करते हैं।
Which colour is worn on Teej and Why? ( तीज के दिन कोनसा रंग पहनते हैं और क्यों ? )
Teej के त्यौहार के दिन महिलाएं एक नवविवाहित स्त्री की तरह तैयार हुआ करती हैं । क्योंकि जैसा कि हमने पहले भी बताया कि इस दिन पार्वती मां और भगवान शिव की शादी को ही याद किया जाता है। इसीलिए वह इस परिधान से उन्हीं दोनों को प्रसन्न करने के प्रयास करतीं है । वैसे तो लाल रंग सुहाग की निशानी माना जाता है ।
तो इसीलिए किसी भी पावन अवसर पर हिंदू महिलाएं लाल रंग पहनना ही सही समझते हैं ।Teej जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि तीन प्रकार की होती हैं । उसमें से हरियाली तीज पर हरे रंग के परिधान पहने जाते हैं । क्योंकि हरियाली तीज एक ऐसा त्यौहार है जिससे हम हमारे इर्द-गिर्द प्रकृति की हरियाली को पसंद करते हैं ।
भगवान का धन्यवाद करते हैं उसके लिए तो इसीलिए हरियाली तीज पर यह हरा रंग पहना जाता है। बाकी दोनों तीज पर लाल रंग के परिधान पहनकर ही विवाहित महिलाएं भगवान शिव और पार्वती मां की पूजा किया करतीं हैं ।
Where did Teej Mela occurs ? ( तीज का मेला कहा होता है ? )
जैसा कि हमने आपको बताया कि Teej का महत्त्व हमारे हिंदू रीति रिवाज में बहुत है तीज एक ऐसा महोत्सव है जिसको पूरे देश में ही धूमधाम से मनाया जाता है और इसी के चलते बहुत सारी जगहों पर तीज का मेला भी लगता है और इसी तीज के मेले के चलते Teej माता की सवारी भी निकलती है । दरअसल हम बात कर रहे हैं राजस्थान के जयपुर की ।
राजस्थान में Teej माता की सवारी जयपुर शहर में निकला करती है । तीज माता की सवारी एक भव्य सवारी हुआ करती है । Teej के मेले मैं बहुत सारी चीजें हुआ करती हैं वहां पर Teej माता की सवारी को देखने के लिए उनके दर्शन करने के लिए । उन्हें अपने कैमरे में कैद करने के लिए बहुत दूर-दूर से पर्यटक आया करते हैं ।
Teej माता की सवारी राज महल से निकला करती है और गोविंद देव जी मंदिर के पीछे के रास्ते पीछे के रास्ते से होकर वापस महल की और जाया करती है। इसी बीच वह शहर में होकर पुरानी गलियों में से होकर निकला करतीं हैं । उस वक्त सारे रास्ते बंद हो जाया करते हैं स्कूलों की आधे दिन की छुट्टी घोषित कर दी जाती है और माहौल भी इतना खुशनुमा हो जाता है कि मानो साक्षात Teej माता खुद ही शहर में पधारे हो।
FAQ Related To Hariyali teej 2022, Hariyali Amavasya 2022
Why females do fast on Teej ? (महिलाएं Teej पर व्रत क्यों रखतीं है ?)
जैसा की Teej कथा में बताया गया है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए माता पार्वती ने उनके लिए श्रृंगार किया था। उनके लिए निर्जला व्रत किया था इसीलिए महिलाएं भी तीज पर व्रत रखा करते हैं । ताकि वह अपने पति के लिए लंबी उम्र की कामना मांग सकें।
Is Teej and Karwachauth Same ? ( क्या Teej और करवाचौथ एक ही हैं? )
नहीं Teej और करवाचौथ दो अलग-अलग त्यौहार है और अलग-अलग दिन पर यह दोनों बनाए जाते हैं । हां इन दोनों में बस एक समानता है कि दोनों ही दिन स्त्रियां अपने पति के लिए व्रत रखा करती हैं । उनकी लंबी कामना उम्र के लिए कामना किया करते हैं पर दोनों त्योहारों के महत्व अलग-अलग हैं।
In which month Teej usually comes? ( Teej किस महीने में आया करती है? )
Teej अक्सर अगस्त या फिर सितंबर के महीने में आया करती है ।क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर भी आपको बताया कि तीज सावन के महीने में आया करती है । हिंदू Calendar के हिसाब से सावन का महीना August या फिर September में ही पड़ा करता है।
On Which Date Teej will be celebrated in 2022? ( Teej 2022 में किस तारीख को है ?)
Teej 2022 साल में 31 July को रविवार के दिन है।
Why teej is an important festival? ( Teej क्यूं एक महत्वपूर्ण पर्व है ? )
जैसा की हमने आपको Article में बताया है की तीज के पीछे जुड़े कहानी और क्यों हम Teej मनाते हैं और उसी कहानी के चलते यह त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण बन जाता है।
In which States Teej is Celebrated Majorly? ( किस राज्य में ज्यादातर Teej मनाई जाती है? )
Teej के त्यौहार को ज्यादातर राजस्थान,बिहार,मध्य प्रदेश ,पंजाब ,हरियाणा इन राज्यों में मनाया जाता है और इन्हें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तौर तरीकों से मनाया जाता है । जैसे हमने आपको बताया है की Teej तीन प्रकार की होती है । वह अलग-अलग राज्य में अलग-अलग नाम से जानी भी जाती है।
Final Words For Hariyali teej 2022, Hariyali Amavasya 2022
आज इस Article की मदद से हमने आप लोगों तक यह बात पहुंचाने की कोशिश करें कि हम लोग तीज के इस महत्वपूर्ण त्योहार को क्यों मनाते हैं और आज हमने इससे जुड़े सारे पहलुओं को इस Article की मदद से कवर किया इस Article में हमने आप लोगों को यह भी बताने की कोशिश करें कि किस राज्य में Teej को किस नाम से जाना जाता है और उस राज्य में उस त्यौहार को मनाने के मायने क्या है।
किस राज्य में Teej को किस तरीके से बनाया जाता है और उनके रीति-रिवाजों को हमने इस आर्टिकल की मदद से जाना। इस Article की मदद से हमने यह भी जाना की Teej इतना महत्वपूर्ण त्यौहार क्यों है और हम यह भी आज जान पाए कि ना सिर्फ भारत देश में ही Teej के त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है बल्कि हमारे देश के पास मैं स्थित पड़ोसी देश Nepal में भी यह बहुत धूमधाम से मनाया जाता है ।
वहां भी इस त्यौहार की महत्वता उतनी ही है जितनी हमारे देश भारत में है । इस Article की मदद से हमने यह कोशिश की है की Teej से जुड़े सारे जाने अनजाने पहलुओं को हम आप तक पहुंचा सके । आपको बता सके कि हमारे इस महत्वपूर्ण त्यौहार के पीछे क्या-क्या चीजें हैं । जो इस त्यौहार से जुड़ी हुई हैं और कहां किस जगह त्यौहार को कैसे मनाया जाता है । इसका मेला कहां लगा करता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात हमने इस Article की मदद से आज आप लोगों तक यह संदेश पहुंचाने की भी कोशिश की है। की इस बीमारी को देखते हुए हम यदि मंदिर में ना भी जा पाए तो कैसे हम अपने घर पर ही इस पूजा को संपन्न कर सकते हैं । इस त्यौहार को मना सकते हैं सारी रीति-रिवाजों के साथ ऐसा ही जाना महिलाओं को कौन सा रंग इस त्योहार पर पहनना चाहिए । इस त्यौहार पर Generally कौन सा रंग महिलाएं पहनती हैं।
आशा है आपको यह Article पसंद आया होगा अपना कीमती वक्त निकालकर इस Article को पढ़ने के लिए धन्यवाद!