यह आर्टिकल ‘Praudh Shiksha Nibandh in Hindi’ आपको जानकारी देगा कि प्रौढ़ शिक्षा क्या है?, हमारे जीवन में प्रौढ़ शिक्षा का महत्व क्या है, प्रौढ़ शिक्षा का उद्देश्य क्या है, Praudh shiksha Prastav in Hindi और Essay on Adult Education in Hindi के विषय में ।
Table of Contents
Praudh Shiksha Nibandh In Hindi
प्रौढ शिक्षा पर निबंध हिन्दी में
प्रौढ शिक्षा लोगो के लिए वरदान साबित हुई हैं। बहुत बडी संख्या में लोग भारत में बचपन में जो शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इसमें से वो हैं। जो गरीब रह जाते हैं। जो किसी कारणवश जैसे बाल श्रम, भिक्षावृती, गरीबी शिक्षा, अशिक्षा के आभाव के कारण शिक्षिट नही हो पाते।
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कुछ लोग अपर्याप्त विद्यालय बुरी परिस्थितीयाँ होने के कारण आदि। पढ नही पाते इनमे से वो हैं जो गरीब तबके के हैं। समय बदला सोच बदली बचपन में तो निरक्षरता का कोई प्रभाव नही पडता। परन्तु जैसे – जैसे वो बडे होते जाते हैं और समय बितता जाता हैं। तो कमाने के लिए बहुत दिक्कतो का सामना करना पडता हैं। हालाँकी उन्हे अब अपनी इस कमी का अहसास होने लगा हैं। और वो और ज्यादा और जोश के साथ शिक्षा ग्रहण करने लगे। जिससे वह अपना भविष्य उज्ज्वल कर सके।
Praudh shiksha Prastav in Hindi | प्रौढ़ शिक्षा प्रस्ताव हिन्दी में
बदलाव की शुरुआत → प्रोढ शिक्षा की शुरुआत NFEC के तहत की जाती हैं। जो कि भारत सरकार द्वारा 1956 में स्थापित किया गया। उन अनपढ व्यक्तियो को कई तरीके से इस योजना का फयदा मिला। शिक्षा किसी भी व्यक्ती को बेहतर स्तर की नौकरी या कोई पद प्राप्त करने में सहायता कर सकती हैं।
जिससे वह अपने परिवार में सुख सुविधा ला सकता हैं। शिक्षा व्यक्ति के रहन सहन के स्तर को ऊँचा करती हैं। अनपढ और बेरोजगार, व्यक्ति की सोच अपराधिक कार्यो की तरफ ज्यादा रहती हैं। शिक्षा काफी हद तक ऐसी मानसिकताओ को रोकने में कारगार साबित होती हैं। एक पढे लिखे व्यक्ति में इतनी समझ होती हैं कि वह अपने आस – पास होने वाली घटनाओ से परिचीत रहे। शिक्षित व्यक्ति काफि हद तक अपने आपको संभाल पाता हैं वह सही गलत का फर्क समझ पाता हैं। समाज के लिए पढा हुआ व्यक्ति सहायक होता हैं।
शिक्षित माता – पिता ही अपने बच्चो के उज्ज्वल भविष्य के बारे में सोच सकते हैं। शिक्षित व्यक्ति देश व समाज को विकसित करता हैं। सरकार के द्वारा कई योजनाओ के द्वारा लोगो को प्रौढ शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाता हैं। समाज में शिक्षा के प्रति बदलाव परिवर्तन लाया हैं।
प्रौढ लोग अब शिक्षा हासिल कर रहे हैं। और अपने बच्चो को भी शिक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। अशिक्षा के कारण लोग अपराधी प्रवृती जैसे चोरी, बलात्कार, हत्या, आदि अपराध कर देते हैं। अनपढ लोग जनसंख्या को आधिक बढाकर देश को नई मुसीबत में डाल देते हैं। अधिक जनसंख्या होने के कारण वह बच्चो को अच्छा स्वास्थ्य अच्छी मानसिकता देने में असमर्थ रहते हैं।
Praudh Shiksha Kya Hai | प्रौढ़ शिक्षा का मतलब क्या है?
प्रौढ शिक्षा का मतलब → प्रौढ शिक्षा का अर्थ हैं जो व्यक्ति बचपन में शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। या उन्हे किसी कारण से शिक्षा प्राप्त नही होती। उन्हे शिक्षित करने के लिए जो अभियान चलाया जाता हैं उसे साक्षरता अभियान कहते हैं। जो अपनी औपचारिक शिक्षा आयु को पार कर चुके हैं लेकिन अब वे शिक्षित होना चाहते हैं।
कौशल विकास करना चाहते हैं। उन्हे ज्ञान देने के लिए प्रौढ शिक्षा का अभियान चलाया जाता हैं। इसलिए 1949 से प्रौढ शिक्षा को समाज का नाम दिया गया। भारत में निरक्षरता की गंभीर समस्या ने इसको साक्षरता का नाम दिया। समय – 2 पर इसकी अवधारणा में परिवर्तन होता रहा। और उसको नया नाम दिया जाता रहा। जैसे, समाज शिक्षा, सामुदायिक शिक्षा, जन शिक्षा आदि इसको नाम दिया गया।
समाज शिक्षा → भारत के शिक्षामंत्री अब्दूल कलाम ने प्रौढ शिक्षा को समाज शिक्षा का नाम दिया। इसमे आर्थिक सुधार, नागरिक शिक्षा, तथा एकता का समावेश किया।
जन शिक्षा → चीन में प्रौढ शिक्षा नाम जन शिक्षा रखा गया।
सामुदायिक शिक्षा → अमेरिका के दक्षिणी देशो में इसको सामुदायिक शिक्षा का नाम दिया गया। प्रौढ शिक्षा सतत शिक्षा के आधार का कार्य करती हैं।
भारत सरकार ने भी प्रौढ शिक्षा के नाम को अपनाया हैं। साक्षरता अक्षरो तथा अंको का ज्ञान हैं। जिससे व्यक्ति पढने में वांछित ज्ञान प्राप्त कर सके। समाज शिक्षा वह ज्ञान हैं जो बदलती सामाजिक परिस्थितीयो में व्यक्ति को स्वस्थ जीवन बीताने योग्य बनाती हैं।
नागरिक शिक्षा का अर्थ समाज में रहने के लिए नागरिको के अधिकारो को सिखाती हैं। प्रौढ शिक्षा वह शिक्षा हैं जिससे स्त्री व पुरुष दोनो अपना काम करते हुए ले सकते हैं। प्रौढ शिक्षा का मतलब हमारी सम्पूर्ण मनुष्य की शिक्षा से हैं। वह उसे साक्षर करके ज्ञान प्रदान करती हैं। जिससे वह आर्थिक उन्न्ती कर सके।
Short Essay on Adult Education in Hindi 500 Words
प्रौढ शिक्षा वह शिक्षा हैं जिसमे व्यक्ति बाल्यकाल मे प्राप्त करने या निश्चित आयु में प्राप्त ना करके बाद में शिक्षा के प्रति जागरूक होता हैं। भारत में निरक्षरता फैली हुई हैं। शहरो की अपेक्षा गाँव में लोग निरक्षर होते हैं। प्रौढ शिक्षा के लिए लोगो को जागरूक करना चाहिए। जिससे वह साक्षर होकर देश के या समाज के विकास में योगदान दे सके। अनेक समस्याऐ जैसे बालश्रम, निरक्षरता, भिक्षावृती आदि को रोक सके। और समाज को नवीनता प्रदान कर सके।
Final Words for Praudh Shiksha Nibandh In Hindi
हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यह आर्टिकल पढ़ने के लिए एप सभी का धन्यवाद ।